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पेट्रोल-डीजल की कीमतों में कटौती से राजकोष पर पड़ेगा 45 हजार करोड़ रुपये का असर: रिपोर्ट

ब्रोकरेज ने कहा कि अब उसे उम्मीद है कि राजकोषीय घाटा 6.5 प्रतिशत पर आ जाएगा, जबकि पहले का अनुमान 6.2 प्रतिशत था.

एक गाड़ी में ईंधन डालता पेट्रोल पंप कर्मी, फाइल फोटो.

मुंबई: डीजल और पेट्रोल पर उत्पाद शुल्क में कटौती से राजकोष पर 45,000 करोड़ रुपये का असर पड़ेगा और इससे केंद्र का राजकोषीय घाटा 0.3 प्रतिशत बढ़ जाएगा. बृहस्पतिवार को जारी एक विदेशी ब्रोकरेज कंपनी की रिपोर्ट में यह बात कही गई.

जापानी ब्रोकरेज कंपनी नोमुरा के अर्थशास्त्रियों ने एक रिपोर्ट में कहा कि कुल खपत के हिसाब से, इस आश्चर्यजनक कदम से पूरे वित्त वर्ष के लिए राजकोष पर एक लाख करोड़ रुपये का असर पड़ेगा, जो सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का 0.45 प्रतिशत होगा.

चालू वित्त वर्ष के शेष महीनों के लिए, राजकोष पर 45,000 करोड़ रुपये का असर पड़ेगा, जिससे राजकोषीय घाटा बढ़ जाएगा.

ब्रोकरेज ने कहा कि अब उसे उम्मीद है कि राजकोषीय घाटा 6.5 प्रतिशत पर आ जाएगा, जबकि पहले का अनुमान 6.2 प्रतिशत था और यह रेखांकित किया कि यह अभी भी 6.8 प्रतिशत के लक्ष्य से कम रहेगा.

केंद्र सरकार ने बुधवार को दीपावली की पूर्व संध्या पर पेट्रोल पर उत्पाद शुल्क में 5 रुपये प्रति लीटर और डीजल पर 10 रुपये प्रति लीटर की कटौती की घोषणा की.

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