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वैश्विक निवेशकों से बोले पीएम मोदी- भारत में कम कार्पोरेट टैक्स, टिकाऊ निवेश के लिए सबसे बेहतर जगह

मोदी ने एक आभासी वैश्विक आर्थिक गोलमेज निवेशक सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि भारत कॉरपोरेट कर की सबसे कम दर वाले देशों में से एक है.

ग्लोबल इन्वेस्टर्स मीट को वर्चुअली संबोधित करते हुए पीएम मोदी | बीजेपी ट्विटर

नई दिल्ली: देश में ढांचागत परियोजनाओं में वैश्विक निवेशकों को निवेश के लिये आकर्षित करते हुये प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बृहस्पतिवार को कहा कि भारत दीर्घकालिक निवेश के लिहाज से सबसे बेहतर स्थान है.

मोदी ने यहां एक आभासी वैश्विक आर्थिक गोलमेज निवेशक सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि भारत कॉरपोरेट कर की सबसे कम दर वाले देशों में से एक है.

उन्होंने कहा, ‘यदि आप भरोसे के साथ निवेश पर कमाई चाहते हैं तो भारत ऐसा ही स्थान है. यदि आप लोकतंत्र के साथ मांग चाहते हैं तो भारत आपके लिये है. यदि आप टिकाऊपन के साथ स्थिरता चाहते हैं तो भारत ऐसी ही जगह है. यदि आप पर्यावरण की सुरक्षा के साथ ही आर्थिक वृद्धि चाहते हैं तो भारत ऐसा ही है.’

मोदी ने कहा कि भारत लोकतंत्र, जनसांख्यिकी और मांग के साथ-साथ विविधता की पेशकश करता है. हमारी विविधता इस प्रकार की है कि आपको एक ही बाजार में विविध बाजार मिल जाता है. ये बाजार अलग-अलग आकार के और विभिन्न पसंद के हैं. ये बाजार अलग-अलग मौसम और विकास के विभिन्न स्तरों वाले हैं.

प्रधानमंत्री ने कहा कि देश की आर्थिक वृद्धि में वैश्विक आर्थिक पुनरुद्धार को उत्प्रेरित करने की क्षमता है. उन्होंने कहा कि भारत की किसी भी उपलब्धि का दुनिया के विकास व कल्याण पर बहुगणक प्रभाव पड़ेगा.

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एक आधिकारिक बयान में कहा गया था कि इस सम्मेलन में दुनिया भर के 20 से अधिक शीर्ष पेंशन व संप्रभु कोषों के प्रतिनिधि भाग ले रहे हैं. ये निवेशक अमेरिका, यूरोप, कनाडा, कोरिया, जापान, पश्चिम एशिया, ऑस्ट्रेलिया और सिंगापुर से हैं. इन निवेशकों की सम्मिलित प्रबंधित संपत्तियां छह हजार अरब डॉलर के आस-पास हैं.

इस गोलमेज सम्मेलन का आयोजन वित्त मंत्रालय और राष्ट्रीय निवेश एवं अवसंरचना कोष द्वारा किया गया है.

मोदी ने इस मौके पर कहा कि भारत ने कोरोना वायरस महामारी के दौरान काफी जुझारूपन दिखाया है. उन्होंने कहा, ‘चाहे वायरस से लड़ाई हो या फिर आर्थिक स्थिरता सुनिश्चित करने की बात हो, भारत ने महामारी के दौरान काफी मजबूती दिखायी.’

प्रधानमंत्री ने कहा, ‘आत्मनिर्भर बनने की भारत की चाह महज एक स्वप्न नहीं होकर सुनियोजित आर्थिक रणनीति है.’

मोदी ने इस मौके पर कृषि क्षेत्र में हालिया सुधारों का भी जिक्र किया. उन्होंने कहा, ‘कृषि क्षेत्र में सुधारों ने किसानों के साथ भागीदारी की नयी संभावनाओं को खोला है और भारत शीघ्र ही कृषि निर्यात के बड़े केंद्र के रूप में उभरेगा. भारत को वैश्विक आर्थिक वृद्धि के पुनरुद्धार का इंजन बनाने को जो भी करना होगा वह किया जायेगा.’

मोदी ने कहा कि भारत में लोकतंत्र है, युवा जनसंख्या है और इसके साथ ही मांग और विविधता भी है.

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