नयी दिल्ली, 16 अगस्त (भाषा) उद्योग जगत के विशेषज्ञों का कहना है कि भारत में 10,000 इलेक्ट्रिक बसें चलाने के लिए बुधवार को शुरू की गई ‘पीएम ई-बस सेवा’ योजना इलेक्ट्रिक परिवहन को जमीनी स्तर पर ले जाएगी।
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने शहरों में बस संचालन को बढ़ावा देने के लिए बुधवार को ‘पीएम-ई बस सेवा’ को मंजूरी दी। इसके अंतर्गत उन शहरों को प्राथमिकता दी जाएगी, जहां व्यवस्थित बस सेवा नहीं है। इस पर 10 वर्ष में 57,613 करोड़ रूपये खर्च किये जायेंगे।
इस योजना के अंतर्गत सार्वजनिक निजी भागीदारी (पीपीपी) मॉडल पर 169 शहरों में 10,000 ई-बसें चलाई जाएंगी।
जेबीएम ऑटो के उपाध्यक्ष और प्रबंध निदेशक निशांत आर्य ने कहा कि “प्रमुख शहरों के साथ-साथ केंद्र शासित प्रदेशों, पहाड़ी राज्यों और पूर्वोत्तर क्षेत्र में 10,000 इलेक्ट्रिक बसों के उपयोग का मंत्रिमंडल का निर्णय इलेक्ट्रिक बसों को वास्तव में पूरे भारत में जमीनी स्तर पर ले जाएगा।”
उन्होंने कहा कि यह पहल अब वास्तव में सार्वजनिक हरित परिवहन के साथ देश भर में ईवी परिवेश के विकास और विस्तार को बढ़ावा देगी।
पीएमआई इलेक्ट्रो मोबिलिटी सॉल्युशंस की मुख्य कार्यपालक अधिकारी आंचल जैन ने सरकार के इस निर्णय को ‘निर्णायक कदम बताया, जो ई-बस खंड में स्थानीयकरण को बढ़ावा देगा और इस बहुत जरूरी परिवेश का विस्तार करेगा।’
उन्होंने कहा, “जिन शहरों में अभी व्यवस्थित बसें नहीं हैं, उन्हें प्राथमिकता देने से देश के अंदरूनी हिस्सों में ई-बसों की पहुंच बढ़ेगी। साथ ही शहरों के अंदर एक विश्वसनीय सार्वजनिक परिवहन प्रणाली की समस्या का समाधान होने के अलावा, कार्बन उत्सर्जन को कम करके इसे और अधिक टिकाऊ बनाया जा सकेगा। इसके परिणामस्वरूप वायु गुणवत्ता में सुधार होगा।”
भाषा अनुराग रमण
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