नयी दिल्ली, 30 जनवरी (भाषा) सरकार बेहतर पृष्ठभूमि वाली कंपनियों के लिए रसायनों जैसे दोहरे उपयोग वाले कुछ उत्पादों के लिए निर्यात मानदंडों को उदार बनाने की दिशा में काम कर रही है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने मंगलवार को यह जानकारी दी।
विदेश व्यापार महानिदेशक (डीजीएफटी) संतोष कुमार सारंगी ने दोहरे उपयोग वाले उत्पादों एवं प्रौद्योगिकियों को संवेदनशील बताते हुए कहा कि इनके गैर-सरकारी इकाइयों के गलत हाथों में जाने पर ये वैश्विक स्तर पर गंभीर व्यवधान पैदा कर सकती हैं।
सारंगी ने यहां रणनीतिक व्यापार नियंत्रण पर राष्ट्रीय सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘हम उद्योग, विदेश मंत्रालय और सीमा शुल्क विभाग के साथ काम कर रहे हैं ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि उन कंपनियों के लिए कई क्षेत्रों को उदार बनाया जाए जिनके पास जिम्मेदार उपयोग और जिम्मेदार निर्यात की स्थापित पृष्ठभूमि है।’’
दोहरे उपयोग का आशय सैन्य अनुप्रयोगों में इन वस्तुओं और प्रौद्योगिकियों के उपयोग या उनके असैन्य एवं औद्योगिक अनुप्रयोगों के साथ बड़े पैमाने पर विनाश के परमाणु, रासायनिक या जैविक हथियारों (डब्ल्यूएमडी) में उपयोग से है।
इन वस्तुओं को स्कोमेट सूची में रखा गया है। विशेष रसायन, संघटक, सामग्री, उपकरण और प्रौद्योगिकी (स्कोमेट) वस्तुओं के कारोबार के लिए लाइसेंस की जरूरत होती है क्योंकि वे दुनिया की रणनीतिक व्यापार नियंत्रण व्यवस्था के अधीन हैं।
सारंगी ने यह भी कहा कि एक आंतरिक प्रणाली विकसित करने की जरूरत है जो दिशानिर्देशों का अनुपालन करके उच्चस्तरीय प्रौद्योगिकियों का जिम्मेदार उपयोग या स्कोमेट वस्तुओं का सही उपयोग करे।
उन्होंने कहा कि उद्योग ने इन उत्पादों के व्यापार की प्रक्रियाओं को सुव्यवस्थित एवं सुगम बनाने में सरकार की मदद की है।
इस कार्यक्रम में वाणिज्य सचिव सुनील बर्थवाल ने कहा कि उच्च गुणवत्ता वाली वस्तुओं और प्रौद्योगिकियों के दुरुपयोग के कारण स्वेज नहर मार्ग पर उत्पन्न हुए विभिन्न मुद्दों से व्यापार और वाणिज्य पर असर पड़ा है।
बर्थवाल ने कहा कि कृत्रिम मेधा (एआई) जैसी प्रौद्योगिकी का अगर सही तरीके से इस्तेमाल किया जाए तो ये मानव जाति की भलाई के लिए काम आ सकती हैं, लेकिन अगर ये गलत हाथों में चली जाएं तो ये तबाही भी ला सकती हैं। उन्होंने कहा कि इन स्कोमेट वस्तुओं में व्यापार के लिए एक संतुलित नजरिये की जरूरत है।
बर्थवाल ने कहा, ‘‘हम चाहते हैं कि मुक्त व्यापार बढ़े लेकिन हम यह भी सुनिश्चित करना चाहते हैं कि मुक्त व्यापार सामूहिक विनाश या आतंकवाद का साधन न बने।’’
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