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कम हुई बायजू की डिमांड, इस वित्त वर्ष में 3500 कर्मचारियों की कर सकती है छंटनी

सूत्रों के मुताबिक, ऑनलाइन शिक्षा में अचानक उछाल के कारण बायजू ने कोविड-19 के दौरान ‘‘अधिक लोगों को काम पर रखा’’ था, लेकिन अब मांग कम हो गई है, जिस वजह से बदलाव करने की जरूरत है.

बायजूस के सीईओ, फाइल फोटो | विकीमीडिया कॉमन्स

नई दिल्ली : शिक्षा प्रौद्योगिकी कंपनी बायजू चालू वित्त वर्ष में 3,500 कर्मचारियों की छंटनी कर सकती है. मामले की जानकारी रखने वाले सूत्रों ने यह जानकारी दी.

कंपनी अपनी टीमों को मजबूत करने और क्षेत्रीय स्तर पर अधिक ध्यान देने पर विचार कर रही है.

सूत्रों में से एक के अनुसार, ऑनलाइन शिक्षा में अचानक उछाल के कारण बायजू ने कोविड-19 वैश्विक महामारी के समय लोगों को ‘‘अधिक काम पर रखा’’ था, लेकिन अब मांग कम हो गई है जिसके लिए कंपनी को बदलाव करने की जरूरत है.

नाम उजागर न करने की शर्त पर एक सूत्र ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘ फिलहाल कोई छंटनी नहीं हुई है. कंपनी विभिन्न इकाइयों में मांग के मद्देनजर स्थिति का आकलन कर रही है. करीब एक हजार लोग पहले ही ‘नोटिस पीरियड’ पर काम कर रहे हैं और अन्य एक हजार ने अपने प्रदर्शन सुधार मापदंडों को पूरा नहीं किया है. आकलन अब भी किया जा रहा है. इस पूरी कवायद से 3,000-3,500 कर्मचारी प्रभावित हो सकते हैं.’’

सूत्रों ने कहा कि यह बायजू की आखिरी छंटनी होगी और पूरी प्रक्रिया अक्टूबर के अंत तक पूरी हो जाएगी.

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बायजू के प्रवक्ता से इस संबंध में पूछ जाने पर उन्होंने कहा, ‘‘ हम परिचालन संरचनाओं को सरल बनाने, लागत आधार को कम करने और बेहतर नकदी प्रवाह प्रबंधन के लिए व्यवसाय पुनर्गठन अभ्यास के अंतिम चरण में हैं. बायजू के भारत के नए सीईओ (मुख्य कार्यपालक अधिकारी) अर्जुन मोहन अगले कुछ हफ्तों में इस प्रक्रिया को पूरा करेंगे और एक नए तथा टिकाऊ संचालन को आगे बढ़ाएंगे.’’

(यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.)


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