नयी दिल्ली, 13 नवंबर (भाषा) सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) स्टार्टअप हबलर का वर्ष 2025 तक अपने राजस्व को बढ़ाकर 40 लाख डॉलर करने का लक्ष्य है। कंपनी के संस्थापक और मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) विनय अग्रवाल ने यह जानकारी दी।
अग्रवाल ने कहा कि कंपनी की उत्तरी अमेरिका और यूरोप में अपनी मौजूदगी बढ़ाने की भी योजना है। वर्ष 2016 में स्थापित हबलर गैर-इंजीनियरों को कोड लिखे बगैर सॉफ्टवेयर बनाने में सक्षम बनाता है।
अग्रवाल ने कहा, ”भारत हमारे फोकस बाजारों में से एक बना रहेगा क्योंकि यह कोड-रहित प्रौद्योगिकी के लिए एक बड़ा और कम पैठ वाला बाजार है।”
उन्होंने कहा, ”हालांकि, हमें लगता है कि कोड-रहित प्रौद्योगिकी के लिए विकास क्षमता असीमित है और हम उस क्षेत्र में अपनी पैठ बढ़ाना चाहते हैं। इसलिए हमारी उत्तरी अमेरिका और यूरोप में विस्तार की योजना है। यह नई तकनीक के मामले में अधिक परिपक्व हैं।”
उन्होंने आईटी उद्योग के आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा कि ये दोनों बाजार कोड-रहित प्रौद्योगिकी के लिए शीर्ष क्षेत्र हैं और कंपनी इस वित्त वर्ष की अंतिम तिमाही में वैश्विक पेशकश के लिए तैयार है।
अग्रवाल ने कहा, ”हमारी योजना अगले 12 महीनों में लेनदेन की संख्या को 10 गुना बढ़ाकर एक करोड़ प्रति माह करने की है। वर्तमान में यह 10 लाख है। भारत की मजबूत उपस्थिति के साथ हमारी अंतरराष्ट्रीय पेशकश हमें अगले 12 महीनों में अपने लिए निर्धारित महत्वाकांक्षी लक्ष्यों को प्राप्त करने में सक्षम बनाएगी। यह 2025 तक हमारे 40 लाख डॉलर के लक्षित राजस्व में भी योगदान देगा।”
भाषा रिया प्रेम
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