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वैश्विक स्तर पर इस साल वस्तु व्यापार में आ सकती है 1.2 प्रतिशत की गिरावट

उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी | एएनआई
इसरो वैज्ञानिक एन. वलारमथी | ट्विटर/@DrPVVenkitakri1

नयी दिल्ली, 11 अप्रैल (भाषा) वैश्विक स्तर पर जारी अनिश्चितताओं के कारण मूल्य के संदर्भ में वस्तुओं के वैश्विक व्यापार की वृद्धि में इस साल 1.2 प्रतिशत की गिरावट आने का अनुमान है।

आर्थिक शोध संस्थान ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव (जीटीआरआई) ने बृहस्पतिवार को कहा कि 2023 में वस्तुओं का वैश्विक व्यापार अमेरिकी डॉलर मूल्य में पांच प्रतिशत घटकर 24,010 अरब डॉलर रहा। हालांकि, इस गिरावट की भरपाई काफी हद तक वाणिज्यिक सेवाओं के व्यापार में मजबूत वृद्धि से हो गई, जो नौ प्रतिशत बढ़कर 7,540 अरब अमेरिकी डॉलर पर पहुंच गया।

वैश्विक स्तर पर वस्तुओं व वाणिज्यिक सेवाओं का निर्यात 2023 में दो प्रतिशत गिरकर 30,800 अरब डॉलर रहा।

शोध संस्थान ने कहा, ‘‘विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) ने 2024 के लिए व्यापार मात्रा में 2.6 प्रतिशत की वृद्धि का अनुमान जताया है। इसके बावजूद वैश्विक स्तर पर मूल्य के लिहाज से वस्तुओं के व्यापार में 2023 की तुलना में 2024 में 1.2 प्रतिशत की गिरावट की आशंका है…।’’

डब्ल्यूटीओ ने मात्रा के संदर्भ में वस्तुओं के व्यापार के 2024 में 2.6 प्रतिशत और 2025 में 3.3 प्रतिशत बढ़ने का अनुमान लगाया है।

जीटीआरआई के संस्थापक अजय श्रीवास्तव ने कहा, ‘‘ डब्ल्यूटीओ के अनुमान में मूल्यों पर प्रभाव शामिल नहीं है, जो व्यापार प्रदर्शन को मापने के लिए आमतौर पर इस्तेमाल किया जाने वाला मानदंड है। व्यापार मूल्य की गणना एकदम स्पष्ट है क्योंकि इसमें लेनदेन के सभी मूल्यों को जोड़ना शामिल है। हालांकि, व्यापार के आकार की गणना करना लौह अयस्क और हीरे जैसी विभिन्न वस्तुओं की मात्रा को जोड़ने जितना आसान नहीं है, जिससे गलत निष्कर्ष निकल सकते हैं।’’

उन्होंने कहा कि डब्ल्यूटीओ व्यापार की मात्रा में बदलाव की गणना के लिए एक जटिल पद्धति का इस्तेमाल करता है।

बीते वर्ष वस्तु निर्यात 23,800 अरब डॉलर रहा जबकि आयात 24,200 अरब डॉलर रहा। सालाना आधार पर निर्यात में 4.5 प्रतिशत और आयात में 5.4 प्रतिशत की गिरावट है।

वहीं वाणिज्यिक सेवा निर्यात बढ़कर 7,800 अरब डॉलर और आयात 7,200 अरब डॉलर रहा।

वैश्विक व्यापार में गिरावट का कारण भू-राजनीतिक तनाव, रूस-यूक्रेन युद्ध, लाल सागर में जहाजों की आवाजाही में बाधाएं और विनिमय दर में उतार-चढ़ाव आदि हैं।

भाषा

निहारिका अजय रमण

रमण

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