नयी दिल्ली, एक फरवरी (भाषा) भारतीय कंपनियों ने बुधवार को आम बजट 2023-24 पर प्रतिक्रिया देते हुए इसे राष्ट्र निर्माण में मददगार, वृद्धि-केंद्रित और राजकोषीय रूप से विवेकपूर्ण बताया।
उन्होंने कहा कि बजट में लगातार पूंजीगत व्यय और वित्तीय समावेश पर जोर दिया गया है।
उद्योग जगत की दिग्गज हस्तियों ने कहा कि दृष्टि, संरचना और अनुशासन के साथ बजट भारत को ‘विश्व गुरु’ बनने की राह पर ले जाता है।
उद्योग निकाय भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के महानिदेशक चंद्रजीत बनर्जी ने कहा कि बजट विकासोन्मुख है और इसमें पूंजीगत व्यय तथा समावेशन पर जोर दिया गया है। बजट में 2047 तक एक विकसित भारत के लिए मजबूत नींव रखी गई है।
उद्योग मंडल फिक्की के अध्यक्ष सुभ्रकांत पांडा ने कहा कि बजट घोषणाओं ने अर्थव्यवस्था की नब्ज को समझा है, और साथ ही राजकोषीय समेकन की प्रतिबद्धता को भी निभाया गया है।
उन्होंने कहा, ‘‘वृद्धि चक्र की गति बनाए रखने के लिए निवेश और उपभोग को बढ़ावा देने की जरूरत थी। हमें यह जानकर खुशी हुई कि सरकार ने पूंजीगत व्यय में 33 प्रतिशत वृद्धि के साथ पूंजीगत व्यय पर जोर जारी रखा है।’’
उद्योग मंडल एसोचैम ने कहा कि 2023-24 का बजट राष्ट्र निर्माण के लिए एक मसौदा है, जिसमें बुनियादी ढांचे पर जोर दिया गया है।
एसोचैम के अध्यक्ष सुमंत सिन्हा ने कहा, ‘‘पूंजीगत व्यय में 33 प्रतिशत की बढ़ोतरी के साथ इसे 10 लाख करोड़ रुपये करने का फैसला भारत को दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था बनाए रखने के संकल्प को दर्शाता है।’’
भाषा
पाण्डेय अजय
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