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LS में पेश डेटा प्रोटेक्शन बिल 2023 के अनुसार, नियम उल्लंघन पर लगेगा 250 करोड़ का जुर्माना

विधेयक में आंकड़ों का रखरखाव और प्रसंस्करण करने वाली इकाइयों के लिये जवाबदेही के साथ लोगों के अधिकारों को स्पष्ट किया गया है.

प्रतीकात्मक तस्वीर | फ्लिकर

नई दिल्ली: कोई भी इकाई अगर नागरिकों के बारे में डिजिटल रूप से रखी जानकारी या आंकड़ों का दुरुपयोग करती है या उसका संरक्षण करने में विफल रहती है, उसपर 250 करोड़ रुपये तक का जुर्माना लग सकता है. यह प्रावधान संसद में पेश डिजिटल व्यक्तिगत जानकारी संरक्षण विधेयक-2023 में किया गया है.

संसद में बृहस्पतिवार को पेश विधेयक में भारतीय व्यक्तिगत जानकारी संरक्षण बोर्ड के गठन का प्रस्ताव किया गया है.

प्रस्ताव के मसौदे की तुलना में विधेयक में जुर्माना नियमों में कुछ ढील दी गयी है. सार्वजनिक विचार-विमर्श के लिये मसौदा प्रस्ताव को नवंबर, 2022 में जारी किया गया था.

विधेयक में आंकड़ों का रखरखाव और प्रसंस्करण करने वाली इकाइयों के लिये जवाबदेही के साथ लोगों के अधिकारों को स्पष्ट किया गया है.

विधेयक में कहा गया है, ‘‘यदि बोर्ड किसी जांच के आधार पर यह पाता कि किसी व्यक्ति ने अधिनियम के प्रावधानों या नियमों का उल्लंघन किया और वह गंभीर प्रकृति का है, तो वह व्यक्ति को सुनवाई का अवसर देने के बाद, अनुसूची में निर्धारित मौद्रिक जुर्माना लगा सकता है.’’

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अनुसूची के तहत, मानदंडों का उल्लंघन करने वाली इकाई पर अधिकतम 250 करोड़ रुपये और न्यूनतम 50 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया जा सकता है.

विधेयक के अनुसार, ‘‘इस अधिनियम के प्रावधानों के तहत अच्छे विश्वास में किये गये या किये जाने वाले किसी भी काम के लिये केंद्र सरकार, बोर्ड, उसके अध्यक्ष तथा उसके किसी भी सदस्य, अधिकारी या कर्मचारी के खिलाफ कोई मुकदमा, अभियोजन या अन्य कानूनी कार्यवाही नहीं की जाएगी.’’

प्रावधानों के तहत केंद्र को बोर्ड से लिखित में प्राप्त होने पर आम जनता के हित में सामग्री तक पहुंच पर रोक लगाने का अधिकार होगा.

इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने कहा कि संसद से पारित होने के बाद यह विधेयक सभी नागरिकों के अधिकारों की रक्षा करेगा. साथ ही नवप्रवर्तन अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ाने के साथ राष्ट्रीय सुरक्षा और महामारी तथा भूकंप आदि जैसी आपात स्थितियों में सरकार की वैध पहुंच की अनुमति देगा.

उन्होंने कहा, ‘‘यह ऑनलाइन मंचों को लेकर चिंताओं और चीजों के दुरुपयोग पर लगाम लगाएगा. विधेयक ऐसी चीजों पर हमेशा के लिये विराम लगाएगा. यह निश्चित रूप से एक ऐसा कानून है जो व्यवहार के स्तर पर गहरा बदलाव लाएगा. यह भारतीय नागरिक के व्यक्तिगत जानकारी का दुरुपयोग करने वाली इकाइयों या मंचों को उच्च दंडात्मक जुर्माने के दायरे में लाएगा.’’

(भाषा के इनपुट्स के साथ)


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