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वित्त मंत्री ने अर्थव्यवस्था को गति देने के लिए खोली ‘तिजोरी’, बुनियादी ढांचे के स्तंभों पर जोर

नयी दिल्ली, एक फरवरी (भाषा) वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को आर्थिक वृद्धि को गति देने के लिये खजाना खोलते हुए 39.45 लाख करोड़ रुपये का बजट पेश किया। इसमें अर्थव्यवस्था के प्रमुख क्षेत्रों को गति देने के उद्देश्य से राजमार्गों से लेकर सस्ते मकानों के लिए आवंटन बढ़ाया गया है।

वित्त मंत्री ने रोजगार सृजन और आर्थिक गतिविधियों को प्रोत्साहन देने के लिए बुनियादी ढांचे पर खर्च बढ़ाने का प्रस्ताव किया है, लेकिन आयकर स्लैब या कर दरों में बदलाव का प्रस्ताव नहीं किया है।

लोकसभा में पेश 2022-23 के बजट में वित्त मंत्री ने पूंजी व्यय 35 प्रतिशत बढ़ाकर 7.5 लाख करोड़ रुपये करने का प्रस्ताव किया। साथ ही सीमा शुल्क दरों को युक्तिसंगत बनाने तथा नई विनिर्माण कंपनियों के लिये रियायती दर की समयसीमा बढ़ाने के साथ डिजिटल मुद्रा शुरू करने तथा क्रिप्टो संपत्तियों पर कर लगाने के भी प्रस्ताव किये हैं।

पिछले साल की तरह इस बार भी बजट में बुनियादी ढांचा खर्च पर अच्छा-खासा जोर है। इसमें 5जी स्पेक्ट्रम नीलामी से लेकर 25,000 किलोमीटर राष्ट्रीय राजमार्ग का विकास, नदियों को जोड़ने की योजना तथा नई पीढ़ी की 400 वंदे भारत ट्रेनों का विनिर्माण शामिल है।

वित्त मंत्री ने अपने बजट भाषण में तेज वृद्धि के लिये आधार रखने का संकल्प जताते हुए कहा, ‘‘अर्थव्यवस्था का तेजी से सुदृढ़ होना और पुनरुद्धार हमारे देश की मजबूती को बताता है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘बजट में राजकोषीय मजबूती की जगह आर्थिक वृद्धि को प्राथमिकता दी गयी है। बजट वृद्धि के लिये निरंतर गति प्रदान करता रहेगा।’’

बजट में राजकोषीय घाटा चालू वित्त वर्ष में बढ़कर 6.9 प्रतिशत रहने का अनुमान रखा गया है जबकि पूर्व में इसके 6.8 प्रतिशत रहने की संभावना जतायी गयी थी। लेकिन अगले वित्त वर्ष 2022-23 में इसके कम होकर 6.4 प्रतिशत तथा 2025-26 तक 4.5 प्रतिशत पर आने का अनुमान रखा गया है।

आर्थिक वृद्धि दर के बारे में इसमें कहा गया है कि चालू वित्त वर्ष में जीडीपी वृद्धि दर 9.2 प्रतिशत तथा अगले वित्त वर्ष 2022-23 में 8 से 8.5 प्रतिशत रहेगी।

वित्त वर्ष 2020-21 में अर्थव्यवस्था में 6.6 प्रतिशत की गिरावट आयी थी।

सीतारमण ने कहा, ‘‘बजट का रुख विकास के सात इंजन…सड़क, रेलवे, हवाईअड्डा, बंदरगाह, सार्वजनिक परिवहन, जलमार्ग और ‘लॉजिस्टिक’ बुनियादी ढांचे… पर आधारित है। ये बुनियादी ढांचे के प्रमुख क्षेत्र हैं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘ऊर्जा बदलाव, सूचना प्रौद्योगिकी और संचार, जल एवं जल निकासी क्षेत्र तथा सामाजिक बुनियादी ढांचे के साथ सातों इंजन अर्थव्यवस्था को समान गति से आगे बढ़ाएंगे।’’

बजट प्रस्तावों में परिवहन एवं लॉजिस्टिक क्षेत्रों (गति शक्ति), बैंकिंग और वित्तीय प्रौद्योगिकी (75 डिजिटल इकाइयां स्थापित की जाएंगी), कृषि, इलेक्ट्रिक वाहन क्षेत्र (बेटरी अदला-बदली नीति) समेत अन्य क्षेत्रों को मजबूत बनाने के लिये आधार रखा गया है।

प्रत्यक्ष कर के मोर्चे पर करदाताओं के लिये चीजें सुगम बनायी गयी हैं। एक नई आयकर रिटर्न प्रणाली लायी जाएगी और राजस्व प्राधिकरणों के अपीलीय अधिकारों को सीमित कर कानूनी विवाद कम किये जाएंगे।

बजट में नई कंपनियों के लिये कर को लेकर राहत की अवधि बढ़ायी गयी है। इसके तहत 15 प्रतिशत कॉरपोरेट कर का विकल्प चुनने वाली इकाइयां अपना उत्पादन 31 मार्च, 2024 तक शुरू कर इसका लाभ ले सकती हैं।

सरकारी व्यवस्था में भरोसे को बढ़ाने के लिये अद्यतन कर रिटर्न प्रणाली का प्रस्ताव किया गया है। इसके तहत करदाता संबंधित आकलन वर्ष समाप्त होने के दो साल के भीतर निर्धारित कर के भुगतान के साथ कर रिटर्न दाखिल कर सकते हैं।

सीतारमण ने भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा डिजिटल रुपया पेश करने का भी प्रस्ताव किया। उन्होंने यह भी कहा कि डिजिटल संपत्तियों पर 30 प्रतिशत की दर से कर लगेगा। इसमें संपत्ति की खरीद लागत को छोड़कर किसी व्यय को कटौती में शामिल नहीं किया जाएगा।

उन्होंने स्टार्टअप को बढ़ावा देने के इरादे से दीर्घकालीन पूंजीगत लाभ पर 15 प्रतिशत अधिभार की सीमा तय करने का प्रस्ताव किया।

निर्यात को बढ़ावा देने के लिये विशेष आर्थिक क्षेत्र (सेज) कानून के स्थान पर नया कानून लाया जाएगा। बुनियादी ढांचा विकास को लेकर राज्य भागीदार बनेंगे।

अप्रत्यक्ष कर मामले में घरेलू उद्योग को बढ़ावा देने के लिये परियोजना आयात योजना के तहत पूंजीगत सामान पर रियायती कर दर के प्रस्ताव को वापस लिया जाएगा और आयात पर 7.5 प्रतिशत की दर से कर लगेगा।

भाषा

रमण अजय

अजय

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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