होम देश अर्थजगत अदालत ने 2000 रुपये के नोट वापस लेने के खिलाफ दायर जनहित...

अदालत ने 2000 रुपये के नोट वापस लेने के खिलाफ दायर जनहित याचिका खारिज की

नयी दिल्ली, तीन जुलाई (भाषा) दिल्ली उच्च न्यायालय ने सोमवार को भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के दो हजार रुपये के नोट को चलन से वापस लेने के फैसले को चुनौती देने वाली जनहित याचिका खारिज कर दी।

मुख्य न्यायाधीश सतीश चंद्र शर्मा और न्यायाधीश सुब्रमण्यम प्रसाद ने याचिका खारिज कर दी। इससे पहले, याचिका पर 30 मई को फैसला सुरक्षित रख लिया गया था।

याचिकाकर्ता रजनीश भास्कर गुप्ता ने दलील दी थी कि आरबीआई के पास दो हजार रुपये के नोट को चलन से वापस लेने की कोई शक्ति नहीं है और इस संदर्भ में केवल केंद्र सरकार ही फैसला कर सकती है।

उन्होंने अपनी याचिका में कहा था कि आरबीआई के पास किसी भी मूल्य के बैंक नोट को बंद करने का निर्देश देने की कोई स्वतंत्र शक्ति नहीं है। यह शक्ति केवल वर्ष 1934 के आरबीआई अधिनियम की धारा 24 (2) के तहत केंद्र सरकार के पास निहित है।

याचिका का आरबीआई ने यह कहते हुए विरोध किया था कि दो हजार रुपये के नोट को चलन से वापस लेना ‘मुद्रा प्रबंधन अभियान’ का हिस्सा है और यह आर्थिक योजना से जुड़ा मामला है।

आरबीआई ने 19 मई को दो हजार रुपये के नोटों को चलन से वापस लेने की घोषणा की थी और कहा था कि मौजूदा नोट को 30 सितंबर तक बैंक खातों में जमा किया जा सकता है या बदला जा सकता है।

इससे पहले, उच्च न्यायालय ने वकील अश्विनी कुमार उपाध्याय की याचिका को खारिज कर दिया था। याचिका में दावा किया गया था कि बिना किसी साक्ष्य के 2,000 रुपये के बैंक नोट को बदलने की सुविधा देने वाली वाली आरबीआई और एसबीआई की अधिसूचनाएं मनमानी और भ्रष्टाचार को रोकने के लिए बनाये गये कानून के खिलाफ है।

इस बारे में उच्च न्यायालय ने कहा था कि नागरिकों को होने वाली असुविधा से बचाने के लिए ऐसा किया गया है। अदालत ने यह भी कहा कि वह किसी नीतिगत निर्णय पर अपीलीय प्राधिकरण के रूप में कार्य नहीं कर सकती।

भाषा अभिषेक अभिषेक रमण

रमण

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

Exit mobile version