नयी दिल्ली, 30 मई (भाषा) यदि बाजार में 2,000 रुपये के 80 प्रतिशत नोटों के जमा होने का मौजूदा अनुमान बना रहता है, तो आने वाले दिनों में बैंकिंग प्रणाली में नकदी बढ़कर एक लाख करोड़ रुपये से अधिक होने की उम्मीद है। एक रिपोर्ट में यह बात कही गई है।
एसबीआई की रिपोर्ट ‘इकोरैप’ में कहा गया है, ‘‘अगर सभी अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों के स्तर पर इन रुझानों का एक अंश भी सही बैठता है, तो बैंकिंग प्रणाली में नकदी हमारे पहले के 1,00,000 करोड़ रुपये से अनुमान से अधिक हो जाएगी।’’
हालांकि, रिपोर्ट में कहा गया है कि यह अनुमान मौजूदा उपलब्ध सूचनाओं पर आधारित है और आगे आने वाले आंकड़ों के आधार पर इनमें बदलाव हो सकता है। हालांकि, कुल लब्बोलुआब यह है कि ब्याज दर का चक्र निर्णायक रूप से चरम पर पहुंच चुका है।
रिपोर्ट कहती है, ‘‘बाजार के रुझान के अनुसार, प्राप्त कुल 2,000 रुपये के नोटों में से लगभग 80 प्रतिशत जमा किए गए हैं और शेष 20 प्रतिशत को छोटे मूल्य के नोटों से बदला गया है।’’
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने 19 मई को अपने मुद्रा प्रबंधन के हिस्से के रूप में 2,000 रुपये के बैंक नोटों को वापस लेने की घोषणा की थी। इसके तहत एक बार में व्यक्ति 20,000 रुपये तक के 2,000 के नोट बदल सकता है।
नोट को बदलने की सुविधा 23 मई से 30 सितंबर, 2023 तक खुली रहेगी।
भाषा अजय अजय रमण
रमण
यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.