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Budget 2019: अब निजीकरण से होगा रेलवे का विकास, 2030 तक 50 लाख करोड़ का होगा निवेश

सीतारमण ने कहा कि अनुमान है कि 2018-2030 के बीच रेलवे की आधारभूत संरचना के लिए 50 लाख करोड़ के निवेश की जरूरत है.

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नई दिल्ली: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को लोकसभा में मोदी सरकार 2 का बजट लोकसभा में पेश किया. अपने बजट में उन्होंने कहा कि रेलवे को निजी भागीदारी से विकसित किया जाएगा. वहीं रेलवे स्टेशन को आधुनिकीकरण करने की बात भी कही है.

रेल बजट पेश करते हुए ​वित्तमंत्री ने कहा कि रेलवे को 2018 से 2030 तक 50 लाख करोड़ रुपये के निवेश की जरूरत है. उन्होंने यात्री और माल ढुलाई सेवाओं में तेजी से विकास करने के लिए सार्वजनिक निजी भागीदारी (पीपीपी मॉडल) का प्रस्ताव दिया. सीतारमण ने कहा कि अनुमान है कि 2018-2030 के बीच रेलवे की आधारभूत संरचना के लिए 50 लाख करोड़ के निवेश की जरूरत है.

वित्तमंत्री ने कहा कि रेलवे का पूंजीगत व्यय 1.5 से 1.6 लाख करोड़ प्रति वर्ष है, सभी स्वीकृत परियोजनाओं को पूरा करने में दशकों लगेंगे.उन्होंने कहा इसीलिए ट्रैक और रॉलिंग स्टॉक्स यानी रेल इंजन, कोच व वैगन निर्माण कार्य और यात्री माल सेवाएं संचालित करने में तेजी से विकास लाने के लिए सार्वजनिक निजी भागीदारी का प्रस्ताव लाया गया है.

वित्त मंत्री ने कहा कि रेलवे को रैपिड रीजनल ट्रांसपोर्ट सिस्टम के जरिए उपनगरीय नेटवर्क में ज्यादा निवेश के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा.इस तरह का रैपिड रीजनल ट्रांसपोर्ट सिस्टम, दिल्ली-मेरठ मार्ग पर प्रस्तावित किया गया है.

उन्होंने बजट में सार्वजनिक निजी भागीदारी को प्रोत्साहित करके मेट्रो रेलवे पहल को आगे बढ़ाने और सुनिश्चित करने का प्रस्ताव भी रखा कि स्वीकृत कार्य जल्द पूरे किए जाएंगे.इसके साथ ही ट्रांसिट हब के चारों तरफ वाणिज्यिक गतिविधि सुनिश्चित करने के लिए ट्रांजिट ओरिएंटेड विकास की बात भी दोहराई.

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