नयी दिल्ली, दो मई (भाषा) भारत और नेपाल के शीर्ष लेखा परीक्षकों ने ऑडिट से जुड़े पेशेवरों के बीच क्षमता विकास और ज्ञान के आदान-प्रदान के लिए मंच स्थापित करने को लेकर शुरुआती समझौते पर हस्ताक्षर किये हैं।
भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) गिरीश चंद्र मुर्मू ने नेपाल के महालेखा परीक्षक तोयम राया के साथ इसको लेकर एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किये।
कैग ने बृहस्पतिवार को बयान में कहा कि समझौते का उद्देश्य दो शीर्ष ऑडिट संस्थानों (एसएआई) के बीच लेखा परीक्षा के क्षेत्र में सहयोग और विशेषज्ञता के आदान-प्रदान को बढ़ावा देना है।
बयान के अनुसार, ‘‘इस समझौता ज्ञापन के माध्यम से ऑडिट क्षेत्र के पेशेवरों और तकनीकी टीमों में क्षमता विकास और ज्ञान तथा अनुभव के आदान-प्रदान के लिए मंच स्थापित किया जाएगा। यह प्रशिक्षण कार्यक्रमों में सहयोग और ऑडिट में पारस्परिक सहायता के माध्यम से किया जाएगा।’’
मुर्मू ने नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहाल ‘प्रचंड’ से भी मुलाकात की और उन्हें भारत और नेपाल के शीर्ष लेखा परीक्षा संस्थानों के बीच सहयोग तथा ऑडिट के क्षेत्र में किये गये समझौता ज्ञापन के बारे में जानकारी दी।
कैग ने प्रधानमंत्री से कहा कि भारत का शीर्ष ऑडिट संस्थान हमेशा अपने कामकाजी मॉडल में नई तकनीक अपनाने वाले सरकारी संगठनों में अग्रणी रहा है।
बयान के अनुसार, मुर्मू ने नेपाल के वित्त मंत्री बरसमन पुन से भी मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने भारत और नेपाल के शीर्ष ऑडिट संस्थानों के बीच मजबूत साझेदारी की बात कही।
उन्होंने नेपाली संसद की लोक लेखा समिति के अध्यक्ष ऋषिकेश पोखरेल से भी मुलाकात की और सार्वजनिक क्षेत्र के ऑडिट के क्षेत्र में आपसी सहयोग पर चर्चा की।
भाषा रमण अजय
अजय
यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.