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अमेरिकी बॉन्ड प्रतिफल में बढ़ोतरी से अप्रैल में एफपीआई ने भारतीय इक्विटी से 6,300 करोड़ रुपये निकाले

उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी | एएनआई
इसरो वैज्ञानिक एन. वलारमथी | ट्विटर/@DrPVVenkitakri1

नयी दिल्ली, 28 अप्रैल (भाषा) मॉरीशस के साथ भारत की कर संधि में बदलाव और अमेरिकी बॉन्ड प्रतिफल में लगातार बढ़ोतरी के चलते विदेशी निवेशकों ने अप्रैल में घरेलू इक्विटी से 6,300 करोड़ रुपये निकाले।

डिपॉजिटरी के आंकड़ों के मुताबिक मार्च में 35,098 करोड़ रुपये और फरवरी में 1,539 करोड़ रुपये का भारी निवेश हुआ था।

आंकड़ों से पता चला कि विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) ने इस महीने (26 अप्रैल तक) भारतीय इक्विटी से 6,304 करोड़ रुपये निकाले हैं।

जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार वी के विजयकुमार ने कहा, ”अमेरिकी बॉन्ड प्रतिफल में लगातार वृद्धि के कारण इक्विटी और बॉन्ड दोनों में एफपीआई ने ताजा निकासी की। वहां 10 वर्षीय बॉन्ड प्रतिफल अब लगभग 4.7 प्रतिशत है, जो विदेशी निवेशकों के लिए बेहद आकर्षक है।”

मॉर्निंगस्टार इन्वेस्टमेंट रिसर्च इंडिया के संयुक्त निदेशक हिमांशु श्रीवास्तव ने कहा कि मॉरीशस के साथ भारत की कर संधि के तहत वहां से भारत में किए गए निवेश पर बदलाव विदेशी निवेशकों को परेशान कर रहा है।

उन्होंने कहा कि इसके अलावा व्यापक आर्थिक संकेतों और ब्याज दर परिदृश्य में अनिश्चितता के साथ ही वैश्विक बाजारों से कमजोर संकेत उभरते बाजारों के लिए चुनौती बढ़ा रहे हैं।

भाषा पाण्डेय

पाण्डेय

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