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जून में कम हुई बारिश, देश में सूखे जैसे हालात हो जाएंगे

जून में बारिश की 33 फीसदी कमी रही. पंजाब में 2014 के बाद पहली बार सूखे जैसे हालात हैं. उत्तर भारत में करीब-करीब हर जगह मानसून अपने तय समय पर नहीं पहुंच पाया.

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सूखे का दृश्य । दिप्रिंट

नई दिल्ली : मानसून की कमजोर गति के कारण खाद्यान्न उत्पादन के लिहाज से महत्वपूर्ण पंजाब और हरियाणा सहित देश के 24 राज्यों में जून में कम बारिश दर्ज हुई. इससे देश के 250 जिलों में जलसंकट की चिंता बनी हुई है. जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने एक समारोह से इतर आईएएनएस से कहा, ‘अभी तक कम बारिश हुई है, अब बेहतर की उम्मीद करते हैं.’

अब सभी की निगाहें इंद्र देवता पर हैं. इस बीच मौसम की सूचना देने वाली निजी कंपनी स्काईमेट ने इस साल औसतन कम मानसून का अनुमान जताया है.

स्काईमेट के निदेशक महेश पालावत ने कहा कि जुलाई और अगस्त में मानसून की गति धीमी रहेगी. हालांकि, उनका कहना है कि इसका असर कृषि क्षेत्र पर नहीं पड़ेगा.

जून में बारिश की 33 फीसदी कमी रही. पंजाब में 2014 के बाद पहली बार सूखे जैसे हालात हैं. उत्तर भारत में करीब-करीब हर जगह मानसून अपने तय समय पर नहीं पहुंच पाया. उत्तर प्रदेश, हरियाणा, दिल्ली में बारिश 60-99 फीसदी औसत से कम रही. जुलाई में भी अगर कम बारिश होती है तो देश में सूखे जैसे हालात हो जाएंगे.

इस बीच जलशक्ति मंत्रालय ने सोमवार को एक अभियान शुरू किया जो कि 30 नवंबर तक चलेगा. इससे देश के 256 जिलों के 1592 जल की कमी झेल क्षेत्रों में जल संरक्षण को गति मिलेगी.

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अभियान के तहत वर्षाजल संचय, जलाशयों को पुनर्जीवित करना, भूजल बढ़ाना और पेड़ लगाने के साथ अन्य मुद्दों पर लोगों को जागरूक किया जाएगा.

महाराष्ट्र के विदर्भ, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के बुंदेलखंड और तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, गुजरात और राजस्थान के कुछ हिस्सों में जलसंकट बहुत बड़ा मुद्दा है.

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