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गंदे एजेंडा के लिए मुझे जरिया न बनाएं, पाकिस्तानी खिलाड़ी को लेकर हो रहे विवाद पर नीरज चोपड़ा ने कहा

चोपड़ा ने हाल में साक्षात्कार में कहा था कि वह सात अगस्त को ओलंपिक फाइनल से पूर्व अपने पहले थ्रो के लिये अपना निजी भाला ढूंढ रहे थे और उन्होंने देखा कि यह नदीम के पास था.

7 अगस्त 2021 को टोक्यो में 2020 ग्रीष्मकालीन ओलंपिक में पुरुषों की भाला फेंक स्पर्धा के फाइनल के दौरान प्रतिक्रिया देते भारत के नीरज चोपड़ा | गुरिंदर ओसान | पीटीआई

नई दिल्ली: ओलंपिक चैंपियन नीरज चोपड़ा ने गुरूवार को कहा कि टोक्यो ओलंपिक के दौरान पाकिस्तान के अरशद नदीम के उनके भाले के इस्तेमाल को लेकर की गयी उनकी टिप्पणी से हुए विवाद से वह दुखी हैं और इसे ‘गंदे एजेंडा को आगे बढ़ाने का माध्यम नहीं बनाने’ की विनती की.

भारत को एथलेटिक्स में पहला ओलंपिक पदक (टोक्यो में स्वर्ण पदक) दिलाने वाले सेना के 23 साल के भाला फेंक खिलाड़ी ने कहा कि किसी को उनके नाम का इस्तेमाल किसी विवाद को खड़ा करने में नहीं करना चाहिए.

ओलंपिक में व्यक्तिगत स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीतने वाले दूसरे भारतीय चोपड़ा ने अपने ट्विटर हैंडल पर ट्वीट किया, ‘मेरी आप सभी से विनती है कि मेरी टिप्पणियों को अपने गंदे एजेंडा को आगे बढ़ाने का माध्यम नहीं बनाए.’

उन्होंने लिखा, ‘खेल हम सबको एकजुट होकर साथ रहना सिखाता है और कुछ भी टिप्पणी करने से पहले खेल के नियम जानना जरूरी होता है. मेरी हालिया टिप्पणी पर लोगों की कुछ प्रतिक्रियायें देखकर बहुत निराश हूं.’

उन्होंने ट्विटर पर साझा किये हुए वीडियो में कहा, ‘अरशद नदीम ने तैयारी के लिये मेरा भाला लिया था, इसमें कुछ भी गलत नहीं है, यह नियमों के अंदर ही है और कृपया मेरे नाम का इस्तेमाल इस गंदे एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिये नहीं करें.’

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चोपड़ा ने हाल में साक्षात्कार में कहा था कि वह सात अगस्त को ओलंपिक फाइनल से पूर्व अपने पहले थ्रो के लिये अपना निजी भाला ढूंढ रहे थे और उन्होंने देखा कि यह नदीम के पास था.

नियमों के अनुसार किसी प्रतिस्पर्धी द्वारा अधिकारियों को सौंपा गया भाला कोई भी अन्य प्रतिभागी इस्तेमाल कर सकता है. यह नियम ‘पोल वॉल्ट’ को छोड़कर सभी फील्ड स्पर्धाओं में लागू होता है.

चोपड़ा ने फाइनल में नोर्डिक ब्रांड का वालहाला भाले का इस्तेमाल किया था और उन्होंने स्पष्ट किया कि नदीम ने ऐसा करके कुछ भी गलत नहीं किया जो पांचवें स्थान पर रहे थे.

उन्होंने कहा, ‘एक मुद्दा (विवाद) उठ रहा है कि मैंने एक साक्षात्कार में कहा कि फाइनल (सात अगस्त को) में पहला थ्रो करने से पहले मैंने पाकिस्तानी प्रतिभागी अरशद नदीम से भाला लिया. उसका काफी बड़ा मुद्दा बन रहा है.’

उन्होंने कहा, ‘यह बहुत सरल बात है, हम अपने निजी भाले भी उसमें (भाला रखने के लिये रैक) रखते हैं पर उसको सभी थ्रोअर भी इस्तेमाल कर सकते हैं, यह नियम है और इसमें कुछ भी गलत नहीं है. वह (नदीम) भाला लेकर अपने थ्रो की तैयारी कर रहा था. मैंने अपने थ्रो के लिये उससे भाला मांगा.’

उन्होंने कहा, ‘यह इतनी बड़ी बात नहीं है. मुझे बहुत दुख है कि मेरा सहारा लेकर इस बात को बड़ा मुद्दा बनाया जा रहा है. आप सभी से विनती है कि ऐसा नहीं करें. खेल सभी को मिलकर चलना सिखाता है. हम सभी भाला फेंक थ्रोअर आपस में प्यार से रहते हैं, सभी आपस में अच्छे से बात करते हैं तो कोई भी ऐसी बात नहीं कहें जिससे उन्हें ठेस पहुंचे.’

एक पूर्व कोच ने भी चोपड़ा के विचारों का समर्थन किया. उन्होंने कहा, ‘कोई विवाद नहीं है. ऐसा नहीं है कि आप अपना निजी भाला लेकर आये हो तो कोई इसका इस्तेमाल नहीं कर सकता. जब आपने इसे जमा कर दिया तो अन्य भी इसका इस्तेमाल कर सकते हैं. ‘होल्डिंग रैक’ में जो भी भाले होते हैं, कोई भी प्रतिभागी इनका इस्तेमाल कर सकता है.’


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