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पीडीएस के डिजिटलीकरण से उप्र को सालाना 1,200 करोड़ रुपये बचाने में मदद मिली: योगी आदित्यनाथ

लखनऊ, 13 फरवरी (भाषा) मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से प्रेरित होकर उत्तर प्रदेश ने 15 करोड़ लोगों को रियायती दर पर खाद्यान्न उपलब्ध कराने के लिए अपनी सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) को डिजिटल बनाकर सुव्यवस्थित किया है, जिससे राज्य को सालाना 1,200 करोड़ रुपये बचाने में भी मदद मिली है।

जी-20 डिजिटल इकोनॉमी वर्किंग ग्रुप (डीईडब्ल्यूजी) के उद्घाटन भाषण में आदित्यनाथ ने कहा, ‘आज परिणाम यह है कि हम सार्वजनिक वितरण प्रणाली के माध्यम से 15 करोड़ लोगों को खाद्यान्न उपलब्ध करा रहे हैं और तकनीक का उपयोग करके हम सालाना 1,200 करोड़ रुपये की बचत भी कर रहे हैं।’

जी-20 की भारत की अध्यक्षता के तहत इलेक्ट्रानिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय प्रथम डिजिटल इकोनामी वर्किंग ग्रुप (डीईडब्लूजी) की बैठक के अवसर पर मुख्यमंत्री ने केंद्र सरकार के मंत्रियों के साथ डिजिटल इकॉनमी पर आयोजित प्रदर्शनी का भी अवलोकन किया।

जी20 से जुड़े प्रतिनिधियों का स्वागत करते हुए मुख्यमंत्री आदित्यनाथ ने कहा कि भारत की आबादी की दृष्टि से उत्तर प्रदेश सबसे बड़ा राज्य है, 25 करोड़ लोग इस राज्य में निवास करते हैं।

उन्होंने कहा कि उप्र भारत की आध्यात्मिक और सांस्कृतिक विरासत का भी प्रतिनिधित्व करता है और भारत की सबसे उर्वरा भूमि भी इसी राज्य में है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत की कुल कृषि योग्य भूमि में से 11 प्रतिशत भूमि उत्तर प्रदेश के पास है और 20 फीसदी खाद्यान्न उत्पादन अकेले उत्तर प्रदेश करता है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि जी20 समूह से जुड़े हुए विभिन्न देशों से आए सभी सम्मानित अतिथियों, सहयोगी मित्र देशों व संगठनों के सभी सम्मानित प्रतिनिधियों का उत्तर प्रदेश शासन की ओर से स्वागत करते हुए उन्हें प्रसन्नता की अनुभूति हो रही है।

उत्तर प्रदेश वैश्विक निवेशक शिखर सम्मेलन 2023 का जिक्र करते हुए आदित्यनाथ ने कहा कि इस सम्मेलन के माध्यम से उत्तर प्रदेश को 33.50 लाख करोड़ रूपयें से अधिक के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं।

उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश अपने डिजिटल प्लेटफॉर्म के माध्यम से एक नयी अर्थव्यवस्था के रूप में दुनिया के सामने तेजी से अग्रसर हो रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा,”डिजिटल तकनीक आज की आवश्यकता है।उत्तर प्रदेश में 2.07 करोड़ किसानों को प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि का लाभ, निराश्रित महिलाओं एवं वृद्धजन को वृद्धावस्था पेंशन का लाभ देने का कार्य डीबीटी के माध्यम से कर रहे हैं ।”

उन्होंने कहा कि एक करोड़ निराश्रित महिलाओं, दिव्यांगों, वृद्धजनों को पेंशन की सुविधा का लाभ प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (डीबीटी) के माध्यम से दे रहे हैं। मुख्यमंत्री ने हा कि इसी प्रकार से प्रदेश के अंदर एक करोड़ छात्रों को वजीफा की सुविधा डीबीटी के माध्यम से दी जाती है।

इसी तरह बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों में अध्ययन कर रहे 1.91 लाख बच्चों को धनराशि उनके बैंक खातों में भेजी जाती है और वे स्वयं उपयोगी चीजों का क्रय करते हैं।

मुख्यमंत्री ने कि जब भी दुनिया को नई दिशा देने की बात आई, तब प्रधानमंत्री मोदी ने बड़ी भूमिका का निर्वहन किया है।

इस अवसर पर केंद्रीय रेल, संचार, सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि 2023 कई मामलों में बेहद अहम वर्ष होने जा रहा है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भारत ने डिजिटल टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में एक यूनीक फ्रेमवर्क तैयार किया है, जो लोगों के जीवन को आसान बनाएगा और इससे लोगों के हुनर में बढ़ोतरी होगी।

वैष्णव ने कहा कि डिजिटल टेक्नोलॉजी हमारी जिंदगी का हिस्सा बन चुकी है।

केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने कहा कि प्रधानमंत्री ने 2015 में जब डिजिटल इंडिया की शुरुआत की थी तब इसके तीन केंद्र बिंदु थे।

पहला तकनीक लोगों की जिंदगी को बेहतर बनाए, दूसरा तकनीक अधिक अवसर उपलब्ध कराए और यह सुलभ हो तथा इस पर किसी एक का एकाधिकार न हो। उन्होंने कहा कि यह प्रधानमंत्री का दृष्टिकोण (विजन) था जिसका नतीजा आज सब देख रहे हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘तकनीक के अभाव में हमारी पिछली सरकारें पंगु बनी रहीं। एक प्रधानमंत्री ने तो यहां तक कहा था कि हम दिल्ली से 100 रुपये देते हैं तो लाभार्थी तक 15 रुपये ही पहुंचते हैं। आज तकनीक के जरिए हम उस चुनौती को पीछे छोड़ने में कामयाब रहे। आज डिजिटल टेक्नोलॉजी के जरिये 100 का 100 प्रतिशत लाभार्थी को मिल जाता है।’’

केंद्र सरकार में भारी उद्योग मंत्री महेंद्र नाथ पांडे ने कहा कि आज हर उद्योग, हर क्षेत्र में सूचना प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल हो रहा है। उन्होंने कहा कि रोबोटिक्स, बिग डेटा एनालिटिक्स, आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस तथा क्वांटम कंप्यूटिंग आदि इसके उदाहरण हैं।

पांडे ने कहा कि इसके कारण चौथी डिजिटल क्रांति आई है। उन्होंने कहा कि पिछले एक दशक में इंडस्ट्री 4.0 में निवेश लगभग दस गुना बढ़ा है जिसके 2025 में 200 अरब हो जाने की संभावना है।

उन्होंने कहा कि इस निवेश का एक बड़ा हिस्सा जी20 के देशों द्वारा ही किया जाना है, इसलिए यह आवश्यक है कि उद्योगों में डिजिटल नवाचार को बढ़ावा दिया जाए।

भाषा जफर संतोष

संतोष

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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