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भारत के न्यायिक पहलुओं पर ‘दुनिया के लोगों’ के उपदेश की धनखड़ ने की आलोचना

उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी | एएनआई
इसरो वैज्ञानिक एन. वलारमथी | ट्विटर/@DrPVVenkitakri1

नयी दिल्ली, 28 मार्च (भाषा) उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने भारत के न्यायिक तंत्र को लेकर ‘दुनिया के लोगों’ के उपदेश की कोशिशों पर बृहस्पतिवार को आपत्ति जताई।

धनखड़ की यह टिप्पणी दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की प्रवर्तन निदेशालय द्वारा की गयी गिरफ्तारी पर अमेरिका और जर्मनी की टिप्पणी के मद्देनजर आई है।

उपराष्ट्रपति ने आबकारी नीति ‘घोटाले’ से जुड़े मामले का जिक्र किए बिना कहा कि भारत में एक मजबूत न्यायिक तंत्र है।

एक बार एसोसिएशन की ओर से आयोजित एक कार्यक्रम में धनखड़ ने कहा कि भारतीय न्यायपालिका निष्पक्ष, स्वतंत्र और ‘हमेशा तैयार’ है।

उन्होंने कहा, ‘दुनिया में ऐसे लोग हैं जो हमारे न्यायिक व्यवहार पर हमें उपदेश देना चाहते हैं।’

उन्होंने यह भी कहा कि नागरिकता (संशोधन) अधिनियम (सीएए) पर एक कहानी बनाई जा रही है।

धनखड़ ने कहा, ‘जमीनी हकीकतों से अनभिज्ञ एक संप्रभु मंच से कोई व्यक्ति हमें यह सबक सिखाने की कोशिश कर रहा है कि यह भेदभावपूर्ण है…आइए हम उनकी अज्ञानता का खंडन करें।’

कुछ पश्चिमी देशों ने इस कानून पर सवाल उठाए हैं, जिसके नियम हाल ही में अधिसूचित किए गए थे।

भारत ने बुधवार को एक वरिष्ठ अमेरिकी राजनयिक को तलब किया और केजरीवाल की गिरफ्तारी पर वाशिंगटन की टिप्पणी को लेकर कड़ा विरोध दर्ज कराया।

भारत ने यहां 23 मार्च को जर्मन दूतावास के उपप्रमुख को भी तलब किया था और दिल्ली के मुख्यमंत्री की गिरफ्तारी पर उस देश के विदेश मंत्रालय की टिप्पणी पर कड़ा विरोध दर्ज कराया था।

भाषा सुरेश माधव

माधव

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