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दिल्ली दंगा: इशरत की जमानत के खिलाफ पुलिस की अपील पर उच्च न्यायालय में 11 जुलाई को सुनवाई

नयी दिल्ली, सात जुलाई (भाषा) उत्तर-पूर्वी दिल्ली में फरवरी 2020 में हुए दंगों के व्यापक षडयंत्र से जुड़े मामले में कांग्रेस की पूर्व पार्षद इशरत जहां को मिली जमानत के खिलाफ दिल्ली पुलिस की अपील पर दिल्ली उच्च न्यायालय 11 जुलाई को सुनवाई करेगा।

अदालत ने बृहस्पतिवार को इस मामले को 11 जुलाई को सुनवाई करने के लिए सूचीबद्ध किया।

न्यायमूर्ति अनु मल्होत्रा ने निचली अदालत के 14 मार्च के आदेश को चुनौती देने वाली जांच एजेंसी की अपील को सोमवार को खंडपीठ के समक्ष सूचीबद्ध करने का निर्देश दिया।

विशेष सरकारी वकील अमित प्रसाद ने कहा कि चूंकि यह याचिका गैर कानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) के तहत अपराधों से संबंधित है, इसलिए कानून के अनुसार मामले की सुनवाई खंडपीठ में होनी चाहिए।

उन्होंने कहा कि न्यायमूर्ति सिद्धार्थ मृदुल की अध्यक्षता वाली पीठ पहले से ही मामले के सह आरोपी उमर खालिद की जमानत याचिका पर सुनवाई कर रही है।

अदालत ने अपने आदेश में कहा कि वर्तमान अपील की कार्यवाही को इसकी सभी अर्जियों के साथ 11 जुलाई को न्यायमूर्ति सिद्धार्थ मृदुल और न्यायमूर्ति रजनीश भटनागर की खंडपीठ के समक्ष सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया जाए।

दंगों के मुख्य षडयंत्रकारी होने के सिलसिले में इशरत और कई अन्य लोगों के खिलाफ यूएपीए के तहत मामला दर्ज किया गया था। दंगों में कम से कम 53 लोगों की मौत हो गयी थी जबकि 700 से अधिक लोग घायल हो गये थे।

संशोधित नागरिकता कानून(सीएए) और राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) के विरोध में हो रहे प्रदर्शनों के दौरान दंगा भड़का था।

अपनी अपील में पुलिस ने कहा कि इशरत को जमानत देने का निचली अदालत का आदेश कानून के खिलाफ है और निचली अदालत अपराध की गंभीरता और उन साक्ष्यों को ध्यान में रखने में विफल रही है। पुलिस ने कहा कि इससे यह पता चलता है कि उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हुई हिंसा की साजिश इशरत और अन्य सह-आरोपियों द्वारा रची गई थी।

भाषा रंजन सुभाष

सुभाष

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