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बस में हुआ प्यार फिर शादी पर तकरार – लिव-इन पार्टनर्स की कहानी, निक्की की हत्या के साथ खत्म

साहिल की शादी अन्य महिला से होने को लेकर निक्की और उसके के बीच झगड़ा हो गया, जिसके बाद आरोपी ने कथित तौर पर डेटा केबल से लड़की का गला घोंट दिया और उसके शव को एक फ्रिज में छिपा दिया.

निक्की यादव और साहिल गहलोत | फोटो: ट्विटर, @SalmanNizami_

नई दिल्ली: दिल्ली के उत्तम नगर इलाके में 23-वर्षीय निक्की यादव, जिसे उसके 24-वर्षीय प्रेमी साहिल गहलोत ने कथित तौर पर मार डाला, उसके पिता के पास मंगलवार को दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच से अचानक एक फोन आने तक, उसके परिवार को ज़रा भी इल्म नहीं था कि वह कहां है. इस फोन के बाद उन्हें पता चला कि उनकी बेटी की दर्दनाक तरीके से मौत हुई है.

पुलिस से जुड़े कुछ सूत्रों ने बुधवार को दिप्रिंट को बताया, 9 और 10 फरवरी की दरमियानी रात को गहलोत ने कथित तौर पर एक डेटा केबल का इस्तेमाल करते हुए निक्की की गला दबा कर हत्या कर दी थी और उसके शव को अपने परिवार के ढाबे के एक फ्रिज के अंदर रख दिया था. अगले ही दिन यानी 10 फरवरी को उसने किसी दूसरी महिला से शादी कर ली.

हरियाणा के झज्जर की मूल निवासी, निक्की यादव ग्रेटर नोएडा के गलगोटिया कॉलेज से अंग्रेज़ी में पोस्ट-ग्रेजुएशन की पढ़ाई कर रही थी और अपनी छोटी बहन के साथ दिल्ली के बिंदापुर इलाके में रहती थी. साहिल गहलोत अपने परिवार के साथ मित्रांव गांव में रहता था.

पुलिस सूत्रों ने यह भी बताया कि एक स्थानीय निवासी ने 10 फरवरी को निक्की के लापता होने के बारे में पुलिस को सूचित किया था और उसी ने यह भी बताया कि गहलोत ने किसी दूसरी लड़की से शादी कर ली है. इसके बाद पुलिस ने पूरे मामले की पड़ताल के लिए पुलिस उपायुक्त (क्राइम ब्रांच) सतीश कुमार के नेतृत्व में एक टीम का गठन किया.

पुलिस सूत्रों के मुताबिक, क्राइम ब्रांच (अपराध शाखा) की टीम गहलोत के मित्रांव गांव स्थित घर गई, लेकिन उन्हें वहां कोई भी नहीं मिला. उसके बाद की गई सघन तलाशी के जरिए गहलोत को पास के कैर गांव चौराहे से गिरफ्तार कर लिया गया. पुलिस के मुताबिक, गिरफ्तारी के बाद उसने अपना गुनाह कबूल कर लिया है.

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विशेष पुलिस आयुक्त रवींद्र यादव ने बताया कि आरोपी के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा-302 (हत्या) और 201 (सबूतों को मिटाना) के तहत एक एफआईआर दर्ज की गई है. बुधवार को ही दिल्ली की एक अदालत ने आरोपी को पांच दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया.

इस बीच, बुधवार सुबह दीन दयाल उपाध्याय अस्पताल के शव गृह (मोर्चरी) में रखे गए निक्की यादव के शव को उसके परिवार को सौंप दिया गया. उसके पिता, सुनील यादव ने दिप्रिंट को बताया, ‘‘मैं चाहता हूं कि उसे (साहिल गहलोत) फांसी पर लटका दिया जाए. इससे कम कुछ भी नहीं.’’


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वे साल 2018 में एक बस में मिले थे

पुलिस सूत्रों के मुताबिक, गहलोत ने बताया है कि वह और निक्की पहली बार साल जनवरी 2018 में द्वारका जाते हुए एक बस में मिले थे. उस समय वह कर्मचारी चयन आयोग (स्टाफ सिलेक्शन कमीशन – एसएससी) की परीक्षा की तैयारी कर रहा था, जब कि निक्की मेडिकल के एंट्रेंस एग्जाम की पढ़ाई कर रही थीं.

विशेष पुलिस आयुक्त (अपराध) ने कहा कि आरोपी और पीड़िता दोनों ‘‘एक ही बस में रोजाना अपने-अपने संबंधित शिक्षण संस्थानों की यात्रा करते थे, और इस तरह पहले वे दोस्त बन गए और बाद में उनमें प्यार हो गया.’’

पुलिस सूत्रों के अनुसार, फरवरी 2018 में, जहां गहलोत ने डी. फार्मा के पाठ्यक्रम में प्रवेश लिया, वहीं यादव ने गलगोटिया कॉलेज में बी.ए. इंग्लिश ऑनर्स में दाखिला ले लिया. पुलिस ने कहा कि दोनों ग्रेटर नोएडा स्थित एक किराए के अपार्टमेंट में एक साथ रहने लगे और समय के साथ मनाली, ऋषिकेश, हरिद्वार, देहरादून जैसी जगहों पर एक साथ घूमने भी जाने लगे.

कोविड की वजह से लगे लॉकडाउन के दौरान दोनों अपने-अपने घर वापस चले गए थे .

एक तरफ निक्की यादव, जिसकी एक छोटी बहन और एक भाई है, ने पोस्ट-ग्रेजुएशन भी किया. वहीं, गहलोत जो एक अकेली संतान है, साल 2020 में अपनी डी. फार्मा की डिग्री पूरी करने के बाद से बेरोजगार ही था.

पुलिस सूत्रों के मुताबिक, जहां यादव ने गहलोत के साथ अपने संबंधों के बारे में परिवार के कुछ सदस्यों को बता रखा था, वहीं आरोपी ने उसके बारे में अपने घर पर किसी को भी नहीं बताया था.

पुलिस के एक सूत्र ने कहा, ‘‘पिछले साल दिसंबर में, उसके (साहिल के) परिवार ने उसे शादी करने के लिए कहा. हमें संदेह है कि उस समय गहलोत ने उन्हें निक्की के बारे में सूचित किया होगा, लेकिन वे (परिवारवाले) इस रिश्ते के लिए राजी नहीं थे; हालांकि, हम अभी भी इन बातों का वैरिफिकेशन कर रहे हैं.’’



उस रात क्या हुआ था?

दिल्ली पुलिस के कुछ सूत्रों ने दिप्रिंट को बताया कि गहलोत पर उसके परिवार द्वारा किसी दूसरी लड़की से शादी करने का दबाव पड़ रहा था.

पुलिस के मुताबिक, उसने निक्की को 9 फरवरी को हुई अपनी सगाई या फिर 10 फरवरी को होने वाली शादी के बारे में कुछ भी नहीं बताया था. हालांकि, जैसा कि पुलिस के एक सूत्र ने बताया,  उसे इसके बारे में पता चल गया क्योंकि वह ‘‘साहिल के चचेरे भाइयों/बहनों के साथ संपर्क में थी.’’

सूत्र ने कहा, ‘‘निक्की ने 8 फरवरी को गोवा के लिए अपना टिकट बुक करवाया था. 9 फरवरी को उसे पता चला कि साहिल की सगाई हो चुकी है. फिर निक्की ने इस बारे में पूछताछ करने के लिए साहिल को अपने घर बुलाया.’’ सूत्र ने आगे कहा कि गहलोत के भी गोवा के इस ट्रिप पर जाने की उम्मीद थी, लेकिन उसने अपना टिकट ही नहीं खरीदा था.

पुलिस सूत्रों के अनुसार, साहिल ने अपने चचेरे भाई की कार में (9 और 10 फरवरी के बीच की रात को) लगभग 1:30 बजे निक्की को अपनी कार में बिठाया और फिर वे निज़ामुद्दीन (रेलवे स्टेशन) चले गए.

डीसीपी (अपराध) सतीश कुमार ने कहा, ‘‘हम उसके दावों की पुष्टि कर रहे हैं. शुरुआती जांच-पड़ताल में पता चला है कि साहिल अपनी सगाई के बाद (9 फरवरी को) निक्की से मिलने बिंदापुर स्थित उसके घर गया था. इसके बाद दोनों ड्राइव पर चले गए. निक्की उससे पूछताछ करने लगी. रात के अंत तक, साहिल के परिवार वाले उसे शादी की तैयारियों के लिए बुलाते रहे, जबकि वे दोनों आपस में बहस करते रहे.’’

सूत्रों ने बताया कि गहलोत ने पुलिस को बताया है कि निक्की ने उसे अपने साथ गोवा चलने के लिए कहा था, लेकिन चूंकि उसने टिकट नहीं खरीदा था, इसलिए उन्होंने इसके बजाय हिमाचल प्रदेश जाने का फैसला किया.

सूत्र ने बताया, ‘‘वे टिकट लेने के लिए आनंद विहार बस टर्मिनल गए, लेकिन वहां बात बनी नहीं. इसके बाद वे कश्मीरी गेट (अंतरराज्यीय बस टर्मिनल) गए, जहां साहिल ने निक्की की हत्या कर दी. साथ ही, उन्होंने कहा कि यह सुबह करीब चार बजे हुआ. पुलिस के मुताबिक निक्की इस ट्रिप के लिए अपने साथ एक बैग भी लेकर गई थी.’’

हत्या करने के बाद, गहलोत कथित रूप से मित्रांव गांव स्थित अपने परिवार के ढाबे पर कार चलाकर वापस गया और फिर उसने शव को फ्रिज में रख दिया. डीसीपी कुमार ने कहा, ‘‘स्पष्ट रूप से, वह (साहिल) लाश को ठिकाने लगाने की योजना बना रहा था. हम यह पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि उसकी योजना क्या थी. उस दिन के लिए तो उसने शव को फ्रिज में ही रखा.’’

दिप्रिंट ने गहलोत परिवार के स्वामित्व वाले उस कामचलाऊ ढाबे का दौरा किया, जो पिछले दो वर्षों से बंद है. पुलिस ने टिन की चादरों से घिरे भूखंड, जिसमें एक कमरे जैसा ढांचा बना है, उसके एंट्री पॉइंट को सील कर दिया है और चारों ओर टेबल, कुर्सियां और टूटे-फूटे ड्रम बिखरे पड़े हैं.

वह अस्थायी ढाबा जहां साहिल ने कथित तौर पर निक्की के शव को एक रेफ्रिजरेटर में छिपा दिया था | श्याम नंदन उपाध्याय | दिप्रिंट

इस बीच, पुलिस का कहना है कि उसकी विभिन्न टीमें अब यह साबित करने के लिए बिंदापुर से कश्मीरी गेट-आईएसबीटी मार्ग तक के तमाम सीसीटीवी फुटेज को खंगाल रही हैं कि वास्तव में साहिल ने निक्की की हत्या किस जगह पर की थी.

यह पूछे जाने पर कि क्या यह एक पूर्व नियोजित हत्या थी, डीसीपी कुमार ने कहा कि प्रारंभिक जांच से पता चला है कि गहलोत घबरा गया था और फिर उसने निक्की को मार डाला.

वह मुझे गुमराह करता रहा

उधर निक्की यादव के पिता ने दिप्रिंट को बताया कि वो काफी समय से अपनी बेटी से संपर्क करने की कोशिश कर रहे थे. उन्होंने कहा, ‘‘जब मैं उसके नंबर पर संपर्क नहीं कर पाया, तो मैंने उसके दोस्त से संपर्क किया; जिसने हमें सूचित किया कि उसे आखिरी बार साहिल गहलोत के साथ देखा गया था. जब मैंने उसे फोन किया तो वह मुझे गुमराह करता रहा. वह कहता रहा कि वह (निक्की) देहरादून और मसूरी घूमने गई हुई है. इसके बाद, जब मैंने उसके परिवार से सम्पर्क किया तो उन्होंने कहा कि वे निक्की के बारे में कुछ नहीं जानते हैं, और वह (साहिल) शादी में व्यस्त है.’’

दिप्रिंट ने मित्रांव गांव स्थित साहिल के दो मंजिला और नारंगी गेट वाले घर का भी दौरा किया, जहां फिलहाल तीन पुलिस अधिकारियों को तैनात किया गया है. हालांकि, तैनात अधिकारियों ने कोई भी टिप्पणी करने से इनकार कर दिया, मगर किरायेदारों- मनविंदर सिंह और बलविंदर सिंह- ने हमें बताया कि मकान के मालिक घर पर नहीं हैं.

नजफगढ़ के मित्रांव गांव स्थित साहिल का घर | श्याम नंदन उपाध्याय | दिप्रिंट

पास के डिपो में ड्राइवर का काम करने वाले इन किराएदारों ने बताया कि वे पिछले चार साल से गहलोत के आवास पर रह रहे हैं. उन्होंने बताया कि साहिल यहां अपने परिवार के साथ ही रहता था.

यह पूछे जाने पर कि क्या नवविवाहित जोड़े को घर वापस लाया गया था, मनविंदर ने कहा, ‘‘हमें यह नहीं पता, लेकिन हमें यह जरूर पता था कि उसकी (साहिल की) 10 तारीख को शादी होनी थी.”

उसने कहा, ‘‘वह (साहिल) उस तरह का लड़का नहीं था. उसे आस-पड़ोस में भी किसी से कोई परेशानी नहीं थी, वह सभी का सम्मान के साथ अभिवादन करता था और वह वास्तव में अपने पिता से काफी डरा था. जब हमें इस खबर के बारे में पता चला तो हम स्तब्ध रह गए.’’

मनविंदर ने कहा, ‘‘हमें नहीं पता कि वे कहां गए.’’

इस बीच, डीसीपी कुमार का कहना है कि पुलिस अब दोनों पक्षों के बयान दर्ज कर रही है.

(अनुवाद: रामलाल खन्ना | संपादन: अलमिना खातून)

(इस खबर को अंग्रेज़ी में पढ़नें के लिए यहां क्लिक करें)


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