होम देश दिल्ली दंगों के मामले में दिल्ली कोर्ट का JNU के पूर्व छात्र...

दिल्ली दंगों के मामले में दिल्ली कोर्ट का JNU के पूर्व छात्र उमर खालिद को जमानत देने से इनकार

उमर खालिद, 14 सितंबर 2020 आतंकवाद विरोधी कानून गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम के तहत जेल में है.

उमर खालिद, फाइल फोटो/ फेसबुक

नई दिल्ली: दिल्ली की कड़कड़डूमा अदालत ने गुरुवार को साल 2020 के उत्तर-पूर्वी दिल्ली हिंसा मामले में जेएनयू के पूर्व छात्र और कार्यकर्ता उमर खालिद की जमानत खारिज कर दी.

दिल्ली की अदालत ने फरवरी 2020 के दंगों के संबंध में एक बड़ी साजिश के मामले में खालिद की जमानत याचिका पर सोमवार के आदेश को स्थगित कर दिया था. वह 14 सितंबर 2020 से आतंकवाद विरोधी कानून गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम के तहत जेल में है.

इस महीने की शुरुआत में, अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अमिताभ रावत ने खालिद और अभियोजन पक्ष की ओर से पेश वकील की दलीलें सुनने के बाद आदेश को सुरक्षित रख लिया था. खालिद की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता त्रिदीप पेस ने तब अदालत से कहा था कि अभियोजन पक्ष के पास उनके खिलाफ अपने मामले को साबित करने के लिए सबूतों की कमी है. पेस ने यह भी तर्क दिया था कि पूरा आरोप पत्र अमेज़ॉन प्राइम टीवी शो ‘द फैमिली मैन’ की ‘स्क्रिप्ट की तरह पढ़ा‘ गया था.

दिल्ली पुलिस ने उत्तर पूर्वी दिल्ली दंगों से संबंध में एक बड़े साजिश के मामले को दर्ज किया था, जिसमें खालिद, शरजील इमाम, गुलफिशा फातिमा और अन्य को नामजद किया गया था. नागरिक संशोधन अधिनियम (सीएए) और राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) के खिलाफ विरोध प्रदर्शनों के दौरान हिंसा भड़कने के कारण 2020 के दंगों के दौरान 53 लोगों की मौत हो गई थी और सैकड़ों लोग घायल हो गए थे.

पहले यह फैसला बुधवार को ही आना था लेकिन अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अमिताभ रावत ने इस गुरुवार तक के लिए यह कहते हुए टाल दिया था कि यह अभी तैयार नहीं है. खालिद और कई अन्य लोगों पर फरवरी 2020 के दंगों के ‘मास्टरमाइंड’ होने के मामले में आतंकवाद विरोधी कानून -यूएपीए के तहत मामला दर्ज किया गया है. इन दंगों में 53 लोग मारे गए थे और 700 से अधिक घायल हो गए थे.


यह भी पढ़ेंः दिल्ली दंगे मामले में उमर खालिद की जमानत याचिका फिर से टली, 24 मार्च को आएगा फैसला


 

Exit mobile version