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चीन में कोरोनावायरस से मरने वालों की संख्या 2,744 हुई, भारत सरकार ने चिकित्सा सहायता प्रदान की

राष्ट्रीय स्वास्थ्य आयोग (एनएचसी) ने बताया कि 29 जनवरी के बाद पहली बार ऐसा हुआ है जब इस विषाणु से एक दिन में इतने कम लोग मारे गए हैं. इससे पहले 29 जनवरी को कोरोना वायरस के कारण 26 लोग मारे गए थे.

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शंघाई रेलवे स्टेशन के बाहर मास्क लगाए हुए लोग, फाइल फोटो/एएनआई

बीजिंग : चीन में महामारी बन चुके कोरोनावायरस से बुधवार को 29 और लोगों की मौत से इससे मरने वालों की संख्या बढ़कर 2,744 हो गई है. राष्ट्रीय स्वास्थ्य आयोग (एनएचसी) ने बताया कि 29 जनवरी के बाद पहली बार ऐसा हुआ है जब इस विषाणु से एक दिन में इतने कम लोग मारे गए हैं. इससे पहले 29 जनवरी को कोरोना वायरस के कारण 26 लोग मारे गए थे.

आयोग ने बताया कि बुधवार को इसके 433 नए मामले सामने आए हैं. इनमें से 24 के अलावा सभी हुबेई प्रांत में सामने आए हैं, जिसकी राजधानी वुहान से पिछले साल दिसम्बर से यह वायरस फैलना शुरू हुआ था.

देश में अभी इसके कुल 78,500 मामले हैं. इसके नए मामलों में पिछले कुछ सप्ताह से हालांकि गिरावट आ रही है. हुबेई में अब भी इसका प्रकोप जारी है लेकिन चीन के बाकी शहरों में धीरे-धीरे जनजीवन पटरी पर लौट रहा है. फिलहाल सभी स्कूल बंद हैं.

भारत सरकार ने 15 टन चिकित्सा सहायता प्रदान की

विदेश मंत्रालय ने प्रेस रिलीज़ जारी करते हुए कहा कि भारत सरकार ने 26 फरवरी 2020 को चीन को मास्क, दस्ताने और अन्य आपातकालीन चिकित्सा उपकरण सहित 15 टन चिकित्सा सहायता प्रदान की. ये आपूर्ति भारतीय वायुसेना के सी -17 विशेष उड़ान द्वारा प्रदान की गई थी, जो कि चीन के वुहान में 26 फरवरी देर शाम को उतरी.

यह सहायता चीन में कोरोना वायरस (कोविद 19) के प्रकोप और चीन द्वारा मास्क और चिकित्सा उपकरणों की आपूर्ति प्रदान करने के अनुरोध के मद्देनजर प्रदान की गई है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 8 फरवरी को राष्ट्रपति शी जिनपिंग को भारत सरकार और चीन के लोगों के साथ एकजुटता व्यक्त करते हुए उपहार के रूप में ज़रूरत की इस घड़ी में चीन को सहायता की पेशकश की थी. चिकित्सा आपूर्ति इस संक्रमण के प्रकोप को नियंत्रित करने के लिए चीन के प्रयासों को बढ़ाने में मदद करेगी. जिसे विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल के रूप में घोषित किया गया है.

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विदेश मंत्री एस जयशंकर ने ट्वीट कर कहा, ‘वुहान से वापस आया वायुसेना का विमान 76 भारतीयों और सात देशों के 36 नागरिकों को वापस ले आया है. ये विदेशी नागरिक बांग्लादेश, म्यांमार, मालदीव, चीन, दक्षिण अफ्रीका, अमेरिका और मदागास्कार से हैं. मदद के लिए चीन सरकार का शुक्रिया.’

वुहान से वापसी पर भारतीय वायुसेना की उड़ान ने 76 भारतीय नागरिकों (जिनमें 3 भारतीय दूतावास के अधिकारी भी शामिल थे) और 36 विदेशी नागरिकों को शामिल किया गया था, जिसमें हमारे कुछ पड़ोसी देश के लोग भी शामिल थे, जिन्होंने भारत की यात्रा में प्रधानमंत्री मोदी की पड़ोस नीति को ध्यान में रखते हुए सहायता मांगी थी. विदेशी नागरिकों में बांग्लादेश से 23, चीन से 6, म्यांमार और मालदीव से 2 और दक्षिण अफ्रीका, अमेरिका और मैडागास्कर से एक-एक नागरिक शामिल थे.

गुरुवार को कुल तीन उड़ानों की व्यवस्था की गयी है, पहले की दो उड़ानें 31 जनवरी और 1 फरवरी को थीं. इन तीन उड़ानों में सभी 723 भारतीय नागरिकों और 43 विदेशी नागरिकों को वुहान से निकाला गया है.

विदेश मंत्रालय ने कहा है कि डायमंड प्रिंसेस जहाज पर सवार 138 भारतीयों में से 16 क्रू मेंबर कोरोना वायरस पॉजिटिव आए हैं. उन्हें जापान में जरूरी चिकित्सा देखभाल और उपचार मिल रहा है. लाए गए सभी लोगों को भारतीय सेना द्वारा स्थापित मानेसर कैंप, हरियाणा में 14 दिनों के लिए अलग रखा जाएगा.

दक्षिण कोरिया में कोरोना वायरस के 1,595 मामले सामने आए

दक्षिण कोरिया में कोरोनावायरस संक्रमण के 334 नए मामले सामने आने के बाद इससे संक्रमित लोगों की संख्या बढ़कर गुरुवार को 1,595 हो गई. देश के रोग नियंत्रण एवं बचाव केंद्र के अनुसार मृतक संख्या अब भी 12 ही है. इस बीच, अमेरिका और दक्षिण कोरिया सेना ने अपने आगामी संयुक्त अभ्यास को गुरुवार को स्थगित कर दिया.

‘कम्बाइंड फोर्सेज कमांड’ ने कहा कि वायरस को लेकर सियोल के बेहद गंभीर स्तर का अलर्ट घोषित करने के बाद यह निर्णय किया गया. उसने कहा, ‘अगला नोटिस जारी किए जाने तक’ इसे स्थगित किया जाता है.

(समाचार एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ)

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