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सोनभद्र नरसंहार मामले में योगी सरकार ने डीएम, एसएसपी को हटाया, कई अन्य पर भी कार्रवाई

सीएम योगी ने कहा, हमें रिपोर्ट मिली है और व्यापक जांच के बाद कई अहम बातें पता चली हैं, जिसके तहत ये कार्यवाई की गई.

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उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का फाइल फोटो | ट्विटर

लखनऊ : सोनभद्र नरसंहार मामले में योगी सरकार ने आखिरकार कड़ी कार्रवाई करते हुए जिले के डीएम व एसपी को हटा दिया. एस राजलिंगम सोनभद्र के नए जिलाधिकारी व प्रभाकर चौधरी जिले के नए पुलिस अधीक्षक होंगे. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को सोनभद्र मामले पर प्रेस कॉन्फ्रेंस की. उन्होंने कहा, सोनभद्र के लिए हमने दो कमेटियां बनाई थीं. एक जमीन से जुड़े मामले में थी और दूसरी घटना से जुड़ी थी. सीएम योगी ने कहा, हमें रिपोर्ट मिली है और व्यापक जांच के बाद कई अहम बातें पता चली हैं जिसके तहत ये कार्यवाई की गई.

सीएम योगी ने कहा, सोनभद्र के उम्भा में कांग्रेस के दो बड़े नेताओं ने इन गांव में दो सोसाइटी बनाई थी. आदर्श कृषि सहकारिता समिति का गठन किया गया था, जिसमें 1300 बीघा जमीन को 1955 में गलत तरीके से समिति के नाम किया गया था. बाद में 1979 में सारी जमीन को व्यक्तिगत लोगों के नाम गलत तरीके से कर लिया गया. सीएम योगी ने कहा, इसके बाद साल 1989 में जमीन को गलत तरीके से बेचने का काम शुरू हुआ.

जांच समिति के रिपोर्ट के आधार पर लिया एक्शन

सोनभद्र में जमीन विवाद में 10 लोगों की हत्या के बाद शासन से गठित उच्च स्तरीय समिति ने अपनी रिपोर्ट शनिवार शाम मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को सौंप दी. अपर मुख्य सचिव राजस्व रेणुका कुमार ने सोनभद्र हत्याकांड मामले की एक हजार पेज की जांच रिपोर्ट सौंपी हैं. 3 सदस्यीय जांच कमेटी प्रमुख सचिव श्रम सुरेश चंद्रा और कमिश्नर मिर्जापुर एके सिंह भी शामिल थे.

समिति ने इस मामले में राजस्व, सहकारिता व पुलिस विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों की कदम-दर-कदम मनमानी की पुष्टि की है. साथ ही विशेष जांच दल (एसआईटी) से मामले की विस्तृत जांच या अन्य उच्च स्तरीय जांच कराने की सिफारिश की है.

मुख्यमंत्री ने रिपोर्ट को आवश्यक कार्यवाही के लिए अपर मुख्य सचिव गृह को दे दिया है. रिपोर्ट में सोनभद्र में जमीन हड़पने का पूरा खेल सरकारी तंत्र व प्रभावशाली नेताओं की मिलीभगत का नतीजा बताया गया है.

17 जुलाई को हुए इस हत्याकांड में अब तक 46 आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है, जबकि पांच आरोपी कोर्ट में समर्पण कर चुके हैं. वहीं इस केस में अभी तक कुल 19 ट्रैक्टर, पांच असलहे और 12 लाठी-डंडे पुलिस बरामद कर चुकी है. कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी के पीड़ित परिवारों से मिलने के दौरान इस मामले ने तूल पकड़ लिया था. इससे पहले प्रियंका को मिर्जापुर में रोका गया था, जिसके बाद वह धरने पर बैठ गईं थीं. हालांकि बाद में सीएम योगी भी पीड़ित परिवारों से मिलने पहुंचे थे.

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