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‘तबेलों’ से सुधरेगी गांवों की अर्थव्यवस्था, मोदी सरकार का है यह नया स्टार्टअप आइडिया

राष्ट्रीय कामधेनु आयोग की योजना के मुताबिक हर शहर के बड़े मंदिर, राज्यों के भवन ,सरकारी आयुर्वेद केंद्र ,खादी कांउटर पर गाय उत्पाद को बेचने की योजना बनाई जा रही है.

प्रतीकात्मक तस्वीर । पिक्साबे

नई दिल्ली: राष्ट्रीय कामधेनु आयोग देशभर में रोजगार सृजन के लिए ‘गाय स्टार्टअप’ शुरू करने की योजना पर विचार कर रहा है. इस नई योजना के तहत गो पालन और उनके उत्पादों को नई तकनीक की सहायता से बाज़ार तक लाने वाले तबेलों को स्टार्टअप की सुविधा और आर्थिक क्रेडिट बैंकों माध्यम से देने की ऋण देने की योजना बनाई गई है.

राष्ट्रीय कामधेनु आयोग के चेयरमैन वल्लभ भाई कथूरिया के मुताबिक ग्रामीण क्षेत्रों में सबसे बड़ी समस्या रोजगार सृजन की है और रोजगार की तलाश में लोगों का पलायन गांवों से हो रहा है.

सरकार चाहती है कि ग्रामीण भारत की अर्थव्यवस्था में कृषि के साथ गाय का बड़ा स्थान हो और पूरी ग्रामीण अर्थव्यवस्था गाय पर आधारित हो इसके लिए आयोग उन नए उद्यमियों को प्रोत्साहित करना चाहती है, जो नई तकनीक और विशेषज्ञता के आधार पर गाय उत्पाद को बाज़ार तक पहुंचाने के लिए व्यवसायिक उद्गम को शुरू करना चाहते हैं.

सरकार इसके लिए न केवल उन्हें आर्थिक सहायता सब्सिडी के रूप में उपलब्ध करायेगी बल्कि उनके प्रोडक्ट की मार्केंटिंग करने और उन्हें बाज़ार तक पहुंचाने में भी मदद करेगी .

कथूरिया के मुताबिक गौ मूत्र से साबुन और मच्छर भगाने वाली अगरबत्ती के अलावा गोबर से आर्गेनिक खाद, आर्गेनिक हैंडमेड काग़ज़ बनाने की तकनीक का बड़े पैमाने पर इस्तेमाल नहीं हो रहा है. छोटे पैमाने पर कुछ एनजीओ गाय उत्पाद को मार्केट में पहुंचाने का काम कर रहीं है पर आयोग इस क्षेत्र में इन उत्पादों का उत्पादन और वितरण स्टार्टअप कल्चर के हिसाब से बड़े पैमाने पर चाहती है.

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कथूरिया के मुताबिक गाै मूत्र पर बड़े उद्योगपति बायोगैस प्लांट लगा सकते हैं इसके लिए सरकार कॉपरेटिव और स्वयं सहायता समूह को 12 साल में चुकाने वाले आसान ऋण उपलब्ध कराएगी.

मंदिरों और राज्यों के भवनों में मिलेंगे गाय उत्पाद

आयोग की योजना के मुताबिक हर शहर के बड़े मंदिर, राज्यों के भवन ,सरकारी आयुर्वेद केन्द्र, खादी काउंटर पर गाय उत्पाद को बेचने की योजना बनाई जा रही है जैसे दिल्ली में स्थित हनुमान मंदिर, अक्षरधाम मंदिर, लोटस मंदिर और राज्यों के भवनों के बिक्री केंद्रों पर ट्रायल के लिए इन उत्पादों का काउंटर बनाया जाएगा. मांग बढ़ने पर इन्हें सेंट्रल कॉटेज इंपोरियम और दिल्ली हाट जैसे केंद्रों पर अतिरिक्त काउंटर लगाकर बेचा जाएगा.

हर घर जल और हर घर गाय

मोदी सरकार के महत्वाकांक्षी परियोजना हर घर नल से जल की तर्ज़ पर आयोग हर ग्रामीण घर मे एक गाय की योजना को बढ़ावा देना चाहती है. आयोग इसके लिए विशेषज्ञों से विचार कर रही है कि गाय ख़रीदने के लिए राज्य सरकारें कितनी सब्सिडी दे सकती है .

दिसंबर, 2018 में पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव के समय तेलंगाना बीजेपी ईकाई ने अपने मैनिफेस्टो में 1 लाख गाय बांटने का वादा किया था. आयोग मुफ़्त गाय बांटने की जगह गाय ख़रीदने पर किसानों को सब्सिडी देने पर विचार कर रहीं है .

गौशालाओं का प्रबंधन सीएसआर फंड से

आयोग के मुताबिक गोशालाओं के बेहतर प्रबंधन के लिए भी राज्य सरकारों को बेहतर पॉलिसी फ़्रेमवर्क बनाने की बात कही है. गौशालाओं का बेहतर प्रबंधन और रख-रखाव को कंपनियों के कॉपरेट सोशल दायित्व (सीएसआईआर) में डाला जा रहा है जिससे कॉर्पोरेट अपने सीएसआर फ़ंड का इस्तेमाल गौशाला निर्माण और रख-रखाव में कर सकते हैं.

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सभी ज़िलाधिकारियों को चिट्ठी लिख गौशाला के रखरखाब के लिए सीएसआर फंड के इस्तेमाल करने का निर्देश दिया है योगी सरकार पहले ही गौशालाओं के संरक्षण और संवर्धन के लिए 2 प्रतिशत का गौ टैक्स लगा चुकी है.

गाय मोदी सरकार के प्राथमिकताओं के एजेंडें में ऊपर है और नए कामधेनु आयोग को यह ज़िम्मेदारी दी गई है कि किसानों की आय दोगनी करने में गाय पर आधारित अर्थव्यवस्था को बढ़ावा दिया जाए .देसी गायों के संवर्धन को कैसे आम जनता तक पहुंचाया जाय इसके लिए कामधेनु आयोग जल्दी ही मास मीडिया कैंपैंन शुरू करने पर विचार कर रहा है.

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