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समलैंगिक जोड़े को परिवार से खतरे की आशंका के मद्देनजर अदालत ने संरक्षण दिया

नयी दिल्ली, दो जून (भाषा) दिल्ली उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को समलैंगिक जोड़े के तौर पर रह रहीं अलग-अलग धर्मों को मानने वाली दो लड़कियों को संरक्षण प्रदान किया। इस जोड़े की एक साथी ने अपने परिवार के सदस्यों से खतरे की आशंका जताई थी।

न्यायमूर्ति रजनीश भटनागर ने पुलिस अधिकारियों को निर्देश दिया कि इस जोड़े को पुलिस का संपर्क नंबर दिया जाए जिससे उन्हें कोई दिक्कत होने पर वे सूचित करेंगी।

इससे पहले दोनों के वकील ने मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष तत्काल सुनवाई के लिए मामले का उल्लेख किया और पीठ ने इसे शुक्रवार को ही सुनने पर सहमति जताई।

अदालत ने पुलिस अधिकारियों से कहा कि दोनों लड़कियों की तरफ से कोई फोन आने पर तत्काल कार्रवाई की जाए।

दोनों के वकील ने कहा कि इनमें एक साथी हिंदू है, वहीं दूसरी मुस्लिम है और वे वयस्क हैं तथा एक दूसरे के साथ रहना चाहती हैं।

वकील ने कहा कि उन्हें हिंदू महिला के परिजनों से धमकियां मिल रही हैं। उन्होंने अदालत से अनुरोध किया कि उन्हें तथा मुस्लिम महिला के परिजनों को पुलिस सुरक्षा दिलाई जाए।

याचिकाकर्ता जोड़े ने कहा कि हिंदू महिला का परिवार उनके रिश्ते के खिलाफ है और उन्होंने उसकी मर्जी के बिना उसकी शादी एक पुरुष से करने की कोशिश की थी।

वकील ने दावा किया कि मुस्लिम महिला के परिवार पर धर्मांतरण कराने के आरोप भी लगाये गये।

अदालत ने निर्देश दिया कि इस समय यहां एक आश्रय गृह में रह रही दोनों लड़कियों को किराये के आवास में भेजा जाए।

भाषा वैभव संतोष

संतोष

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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