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मोदी सरकार के सेंट्रल विस्टा परियोजना के तहत नए संसद भवन का निर्माण शुरू

टाटा प्रोजेक्ट्स लिमिटेड ने कहा कि निर्माण कार्य शुरू होने में 35 दिन की देरी के बावजूद उसे विश्वास है कि तय समय पर इस परियोजना को पूरा कर लिया जाएगा.

सेंट्रल विस्टा परियोजना का मॉडल व्यू | क्रेडिट: HCP Design, Planning and Management Pvt Ltd

नई दिल्ली: नए संसद भवन का निर्माण कार्य शुक्रवार को शुरू हो गया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सरकार की महत्वाकांक्षी सेंट्रल विस्टा पुनर्विकास योजना के तहत एक महीने से अधिक समय पहले इस परियोजना की आधारिशला रखी थी.

नया संसद भवन त्रिकोणीय आकार का होगा. साल 2022 में देश के 75वें स्वतंत्रता दिवस तक इसके तैयार होने की उम्मीद है. सरकार साल 2022 का मानसून सत्र नए भवन में आहूत करना चाहती है.

एक अधिकारी ने कहा, ‘नए संसद भवन का निर्माण कार्य शुरू हो गया है.’

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 10 दिसंबर को इस परियोजना की आधारशिला रखी थी. भवन का निर्माण टाटा प्रोजेक्ट्स लिमिटेड के तहत किया जा रहा है. इस परियोजना पर 971 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है.

इस सप्ताह की शुरुआत में 14 सदस्यीय धरोहर समिति ने नए संसद भवन के निर्माण को मंजूरी दे दी थी. इसके अलावा उसने सेंट्रल विस्टा पुनर्विकास परियोजना को भी हरी झंडी दी थी.

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उच्चतम न्यायालय ने निर्माण कार्य शुरू करने से पहले केन्द्र को समिति तथा अन्य संबंधित प्राधिकरणों की मंजूरी लेने का आदेश दिया था.

निर्माण कार्य पहले इसलिये शुरू नहीं हो सका था क्योंकि सरकार ने उच्चतम न्यायालय को आश्वासन दिया था कि जब तक न्यायालय मामले में लंबित याचिकाओं पर फैसला नहीं ले लेता, तब तक न तो निर्माण और न ही विध्वंस कार्य शुरू किया जाएगा.

टाटा प्रोजेक्ट्स लिमिटेड ने कहा कि निर्माण कार्य शुरू होने में 35 दिन की देरी के बावजूद उसे विश्वास है कि तय समय पर इस परियोजना को पूरा कर लिया जाएगा.

टाटा प्रोजेक्ट्स लिमिटेड के उपाध्यक्ष तथा वाणिज्यिक इकाई के प्रमुख संदीप नवलखे ने कहा, ‘हम कुशल कार्यबल तथा परियोजना का खाका तैयार कर पहले ही आगे बढ़ने के लिये तैयार थे.’

नए भवन का निर्माण मौजूदा भवन के सामने किया जाएगा. पुराने संसद भवन का निर्माण 94 साल पहले लगभग 83 लाख रुपये में किया गया था. नए भवन के निर्माण के बाद पुराने भवन को संग्रहालय में तब्दील कर दिया जाएगा.

नए संसद भवन में लोक सभा और राज्य सभा के कक्ष बड़े होंगे, जिसमें लोक सभा के लिये 888 जबकि राज्य सभा के लिये 384 सीटों की व्यवस्था होगी. संयुक्त सत्र बुलाने के लिये लोक सभा कक्ष में 1,272 सीटों की व्यवस्था होगी.


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