होम देश दक्षिण कन्नड़ में एसडीपीआई को लेकर फिक्रमंद नहीं कांग्रेस : खादर

दक्षिण कन्नड़ में एसडीपीआई को लेकर फिक्रमंद नहीं कांग्रेस : खादर

(एम वी गिरीश कुमार)

मेंगलुरु (कर्नाटक), 30 अप्रैल (भाषा) पूर्व मंत्री और मेंगलुरु से विधायक यू टी खादर ने कहा कि कांग्रेस सांप्रदायिक रूप से ध्रुवीकृत दक्षिण कन्नड़ क्षेत्र में सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया (एसडीपीआई) की सक्रियता से बहुत ज्यादा चिंतित नहीं है।

उन्होंने ‘पीटीआई-भाषा’ को दिए साक्षात्कार में कहा, ‘‘मैं एसडीपीआई को हमारे वोट बैंक के लिए खतरा नहीं मानता हूं। लोग उनके सांप्रदायिक एजेंडे का समर्थन नहीं करेंगे।’’

खादर ने दावा किया, “क्षेत्र के लोग गरीबी, बेरोजगारी और अपने मूल अधिकारों की रक्षा जैसे मुद्दों को लेकर अधिक फिक्रमंद हैं। केवल कांग्रेस ने ही चुनाव प्रचार अभियान में इन मुद्दों की बात की है।”

पिछले साल क्षेत्र में पैदा हुए हिजाब विवाद पर कांग्रेस नेता ने कहा कि वह हमेशा मानते हैं कि कानून का पालन किया जाना चाहिए। उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘कुछ दलों ने इसे अपने फायदे के लिए एक सांप्रदायिक मुद्दा बना दिया।’’

कांग्रेस नेता ने कहा कि यह मामला अदालत के विचाराधीन है और छात्राओं के पक्ष में फैसला आने की उम्मीद है। उन्होंने समुदाय में लड़कियों की शिक्षा को बहुत महत्वपूर्ण बताया।

खादर ने कहा, ‘‘जब हम संविधान की रक्षा करने की कोशिश करते हैं, तो अल्पसंख्यकों के अधिकार भी सुरक्षित हो जाएंगे। मतदाता राज्य में एक धर्मनिरपेक्ष सरकार के लिए वोट करेंगे।’’

यह पूछने पर कि क्या प्रतिबंधित पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) की राजनीतिक इकाई एसडीपीआई कांग्रेस के वोट बैंक में सेंध लगा पाएगी, खादर ने कहा कि एसडीपीआई का दक्षिण कन्नड़ में सीमित प्रभाव है।

अल्पसंख्यक मतों में विभाजन से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को चुनाव में मदद मिलने की आशंका पर उन्होंने कहा, ‘‘निश्चित तौर पर चुनावों में एक सांप्रदायिक पार्टी दूसरी सांप्रदायिक पार्टी की मदद करेगी।’’

पिछले चुनाव में खादर दक्षिण कन्नड़ क्षेत्र से जीत दर्ज करने वाले कांग्रेस के इकलौते उम्मीदवार थे। भाजपा ने यहां के दो जिलों की 13 में से 12 सीटें जीती थीं।

मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई नीत सरकार के मुस्लिमों के लिए चार प्रतिशत आरक्षण को खत्म करने के मुद्दे पर खादर ने कहा कि एक समुदाय का मौजूदा आरक्षण खत्म करना सही नहीं है।

खादर लगातार पांचवीं बार मेंगलुरु से चुनाव लड़ रहे हैं। वह पिछले चारों चुनाव में विजयी बनकर उभरे थे।

भाषा

गोला पारुल

पारुल

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

Exit mobile version