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कर्नाटक में ‘अन्न भाग्य’ योजना के तहत मुफ्त चावल को लेकर कांग्रेस और भाजपा के बीच आरोप-प्रत्यारोप

नयी दिल्ली, 29 जून (भाषा) कांग्रेस ने नरेन्द्र मोदी सरकार पर ‘‘तुच्छ और पक्षपातपूर्ण’’ रवैया अपनाने और कर्नाटक सरकार को उसकी मुफ्त चावल वितरण योजना के लिए भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) को चावल बेचने से रोकने का बृहस्पतिवार को आरोप लगाया। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने इस पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की।

भाजपा ने आरोप लगाया कि कांग्रेस ‘‘नाटकबाजी’’ में लगी हुई है, क्योंकि उसे अहसास हो गया है कि हाल के विधानसभा चुनाव में कर्नाटक के लोगों से किया गया वादा पूरा करने में वह असमर्थ है।

कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि कर्नाटक में कांग्रेस सरकार अपनी ‘अन्न भाग्य 2.0’ योजना को लागू करने के लिए एफसीआई से 34 रुपये प्रति किलोग्राम पर चावल खरीदने को तैयार है।

उन्होंने ट्विटर पर कहा, ‘‘लेकिन मोदी सरकार ने एफसीआई को इसे बेचने से रोक दिया, जबकि उसने एफसीआई को इथेनॉल उत्पादन के लिए 20 रुपये प्रति किलोग्राम पर चावल की आपूर्ति करने की अनुमति दी है! अब, कर्नाटक के लोगों को दी गई गारंटी को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार परिवारों को प्रति माह 750 रुपये तक हस्तांतरित करेगी, जब तक कि गरीबी रेखा से नीचे (बीपीएल) गुजर-बसर करने वाले सभी परिवारों के लिए 10 किलोग्राम मुफ्त चावल देने के वास्ते इसका पर्याप्त भंडार नहीं खरीदा जाता है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘हमने पहले भी कहा है और हम इसे फिर से कहेंगे, दिल्ली में मोदी सरकार से अधिक तुच्छ और पक्षपातपूर्ण सरकार कभी नहीं रही। लेकिन यह रवैया हमें कर्नाटक के लोगों से अपना वादा पूरा करने से नहीं रोक सकता।’’

भाजपा के सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) विभाग के प्रमुख अमित मालवीय ने पलटवार करते हुए ट्विटर पर कहा कि कांग्रेस को ‘अन्न भाग्य’ योजना के तहत कर्नाटक के लोगों को 10 किलोग्राम मुफ्त चावल उपलब्ध कराने के वादे को पूरा नहीं कर पाने के लिए केंद्र सरकार को दोष देना बंद करना चाहिए।

उन्होंने कहा, ‘‘कांग्रेस ने चुनाव के दौरान वादा किया था, उसे इसे पूरा करने का तरीका ढूंढना चाहिए।’’

भाजपा नेता ने कहा कि केंद्र पहले से ही ‘प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना’ के तहत 80 करोड़ भारतीयों को मुफ्त खाद्यान्न उपलब्ध करा रहा है।

भाषा

देवेंद्र पवनेश

पवनेश

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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