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कोयला मंत्रालय ने कहा- देश में कोयले का पर्याप्त भंडार, बिजली आपूर्ति में बाधा की आशंका ग़लत

कोयला मंत्रालय ने कहा है कि बिजली उत्पादक संयंत्रों की जरूरत को पूरा करने के लिए देश में कोयले का पर्याप्त भंडार है.

कोयला उत्पादन की समीक्षा करते हुए केंद्रीय कोयला मंत्री प्रह्लाद जोशी | फोटो: Twitter/@JoshiPralhad

नई दिल्ली: कोयला मंत्रालय ने रविवार को साफ़ किया कि बिजली उत्पादक संयंत्रों की जरूरत को पूरा करने के लिए देश में कोयले का पर्याप्त भंडार है. मंत्रालय ने कोयले की कमी की वजह से बिजली आपूर्ति में बाधा की आशंकाओं को पूरी तरह निराधार बताया.

मंत्रालय का यह बयान उन खबरों के बाद आया है जिनमें कहा जा रहा है कि कोयले की कमी की वजह से देश में बिजली संकट पैदा हो सकता है.

मंत्रालय ने बयान में कहा, ‘कोयला मंत्रालय आश्वस्त करता है कि बिजली संयंत्रों की जरूरत को पूरा करने के लिए देश में कोयले का पर्याप्त भंडार है. इसकी वजह से बिजली संकट की आशंका पूरी तरह गलत है.’


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कोयला मंत्री प्रह्लाद जोशी ने ट्वीट किया, ‘देश में कोयले के उत्पादन और आपूर्ति की स्थिति की समीक्षा की. मैं सभी को भरोसा दिलाना चाहता हूं कि बिजली आपूर्ति में बाधा की कोई आशंका नहीं है. कोल इंडिया के मुख्यालय पर 4.3 करोड़ टन कोयले का भंडार है जो 24 दिन की कोयले की मांग के बराबर है.’

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कोयला मंत्रालय ने कहा कि बिजली संयंत्रों के पास करीब 72 लाख टन का कोयला भंडार है जो चार दिन के लिए पर्याप्त है. कोल इंडिया के पास 400 लाख टन का भंडार है जिसकी आपूर्ति बिजली संयंत्रों को की जा रही है.

एक और ट्वीट में केंद्रीय मंत्री ने लिखा है कि ‘हमें गर्व है कि देश का कोयला आयात कम करने के लिए घरेलू कोयले की आपूर्ति बढ़ी है। #AatmanirbharBharat दृष्टिकोण को आगे बढ़ाते हुए चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में घरेलू कोयले पर आधारित बिजली उत्पादन में 24% की वृद्धि हुई है और आयातित कोयले की सप्लाई 30% कम हुई है.’

देश में कोयला आधारित बिजली उत्पादन इस साल सितंबर तक 24 प्रतिशत बढ़ा है. बिजली संयंत्रों को आपूर्ति बेहतर रहने की वजह से उत्पादन में बढ़ोतरी हुई है.

बिजली संयंत्रों को प्रतिदिन औसतन 18.5 लाख टन कोयले की जरूरत होती है. दैनिक कोयला आपूर्ति करीब 17.5 लाख टन की है.


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