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2020-21 के लिए कोल इंडिया ने उत्पादन लक्ष्य घटाकर 65-66 करोड़ टन किया

कोल इंडिया के चेयरमैन प्रमोद अग्रवाल ने शनिवार को भारत चैंबर ऑफ कॉमर्स द्वारा आयोजित वेबिनार को संबोधित करते हुए यह जानकारी दी.

कोयले की खान की प्रतीकात्मक तस्वीर | स्रोत: ट्विटर | @coalindiahq

कोलकाता : सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी कोल इंडिया लि. (सीआईएल) ने कोविड-19 महामारी की वजह से पैदा हुई अड़चनों के मद्देनजर चालू वित्त वर्ष 2020-21 के लिए अपने उत्पादन लक्ष्य को घटाकर 65-66 करोड़ टन कर दिया है. पहले कंपनी ने चालू वित्त वर्ष में 71 करोड़ टन कोयला उत्पादन का लक्ष्य तय किया था.

कोल इंडिया के चेयरमैन प्रमोद अग्रवाल ने शनिवार को भारत चैंबर ऑफ कॉमर्स द्वारा आयोजित वेबिनार को संबोधित करते हुए यह जानकारी दी.

अग्रवाल ने कहा, ‘कोविड-19 महामारी की वजह से कोयले की मांग प्रभावित हुई है. हालांकि, अब उद्योगों द्वारा परिचालन शुरू करने के बाद मांग सुधर रही है.’

उन्होंने कहा, ‘मौजूदा स्थिति को देखते हुए हमें उम्मीद है कि चालू वित्त वर्ष में हमारा उत्पादन 65 से 66 करोड़ टन रहेगा.’

अधिकारियों ने बताया कि जुलाई अंत तक कोयले की मांग में सात से आठ प्रतिशत का सुधार हुआ था. अगस्त के पहले सप्ताह में इसमें 13 से 14 प्रतिशत की वृद्धि हुई है.

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सार्वजनिक क्षेत्र की महारत्न कंपनी ने पिछले साल 60.2 करोड़ टन कोयले का उत्पादन किया था, जबकि लक्ष्य 63 करोड़ टन का था.

कोयले के वाणिज्यिक खनन पर अग्रवाल ने कहा कि इससे बाजार से जुड़ी मूल्य व्यवस्था पेश करने में मदद मिलेगी. उन्होंने कहा कि अटकलों से उलट इससे कोल इंडिया को फायदा होगा.

कंपनी ने कहा हे कि वह अपनी चुनिंदा अनुषंगियों के जरिये तटीय ग्राहकों को उच्च ग्रेड के कोयले की आपूर्ति का प्रयास कर रही है। ये ग्राहक अभी काफी हद तक आयात पर निर्भर हैं.

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