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जनसंख्या कानून के सवाल पर CM नीतीश कुमार बोले- शिक्षा ही फर्टिलिटी रेट को कम करने में सक्षम है

उन्होंने कहा कि सबसे महत्वपूर्ण यह है कि महिलायें जब पूरी तरह शिक्षित होंगी तो प्रजनन अपने-आप दर घट जायेगा. उन्होंने कहा, ‘हम कानून के पक्ष में नहीं हैं. अलग-अलग राज्य के लोगों की अपनी सोच है, वे अपने ढंग से जो चाहें करें.'

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार | फाइल फोटो.

पटना :बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोमवार को कहा कि जनसंख्या नियंत्रण सिर्फ कानून बनाकर नहीं बल्कि महिलाओं को पूरी तरह शिक्षित करके ही किया जा सकता है, शिक्षा ही प्रजनन दर को कम करने में सक्षम है.

‘जनता के दरबार में मुख्यमंत्री’ कार्यक्रम में भाग लेने के बाद पत्रकारों से बातचीत के दौरान जनसंख्या नियंत्रण पर ठोस कानून बनाने के संबंध में पूछे गए एक सवाल के जवाब में नीतीश ने कहा, ‘जनसंख्या नियंत्रण के लिये अगर सिर्फ आप कानून बनाएं तो यह संभव नहीं होगा. आप चीन का उदाहरण देख लें. वहां बच्चों की संख्या को लेकर निर्णय लिया गया, अब देखिये वहां क्या हो रहा है.’

उन्होंने कहा कि सबसे महत्वपूर्ण यह है कि महिलायें जब पूरी तरह शिक्षित होंगी तो प्रजनन अपने-आप दर घट जायेगा. उन्होंने कहा, ‘हम कानून के पक्ष में नहीं हैं. अलग-अलग राज्य के लोगों की अपनी सोच है, वे अपने ढंग से जो चाहें करें.’

देश में समान नागरिक संहिता को लेकर उच्चतम न्यायालय के निर्देश पर मुख्यमंत्री ने सवाल किया, ‘आप बताएं समान नागरिक संहिता किस नंबर पर है? अनुच्छेद-44 की बात हो रही है, जरा अनुच्छेद-47 भी देख लीजिये. हमलोगों ने बिहार में शराबबंदी लागू की. इन सब चीजों पर ध्यान देते हैं तो शराबबंदी को लेकर भी ध्यान दीजिये. यह पूरे देश में लागू हो.’

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अपनी पार्टी से केन्द्रीय मंत्री बने आरसीपी सिंह को बधाई देने के सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा, ‘हमारी पार्टी के नेता हैं, हम उन्हें बधाई कैसे नहीं देंगे. ऐसे ही कुछ लोग बोलते रहते हैं. हमारी पार्टी में यह कोई मुद्दा नहीं है.’

राज्य में बाढ़ की स्थिति को लेकर मुख्यमंत्री ने कहा, ‘जबसे हमारी सरकार बनी है, तबसे हम इसे लेकर गंभीर हैं. हमने हवाई सर्वेक्षण कर स्थिति का जायजा लिया है. हमने जिलाधिकारियों को बाढ़ पीड़ितों की हरसंभव मदद के निर्देश दिये हैं.’

वहीं उपमुख्यमंत्री रेणु देवी ने कहा, ‘जनसंख्‍या नियंत्रण के लिए पुरुषों को जागरुक करना ज्‍यादा जरूरी है क्‍योंकि पुरुषों में नसबंदी को लेकर काफी डर देखा जाता है.’ उन्होंने कहा कि राज्य के कई जिलों में तो नसबंदी की दर मात्र एक प्रतिशत है.

उन्होंने कहा कि अक्‍सर देखा गया है कि बेटे की चाहत में प‍तिा और ससुरालवाले महिलाओं पर अधिक बच्‍चे पैदा करने का दबाव बनाते हैं, जिससे परिवार का आकार बड़ा होता जाता है.

भाजपा नेता ने कहा कि जनसंख्‍या नियंत्रण के लिए लिंग समानता पर भी काम करने की जरुरत है, लोगों को समझना होगा कि बेटा-बेटी एक समान हैं.

उपमुख्यमंत्री सह आपदा प्रबंधन मंत्री रेणु देवी ने कहा कि राज्य में बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के शिविरों में भी गर्भनिरोधक गोलियों के वितरण, परिवार नियोजन के उपायों की जानकारी और सुरक्षित प्रसव की व्यवस्था की गई है.

उन्होंने कहा कि राज्य के बाढ़ प्रभावित इलाकों में सामुदायिक रसोई की संख्या बढ़ाकर 240 कर दी गई है, जिसमें से 106 मुजफ्फरपुर के विभिन्नन प्रखंडों में संचालित किए जा रहे हैं.

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