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अमेरिका के साथ करीबी रक्षा सहयोग प्रधानमंत्री मोदी की यात्रा का प्रमुख एजेंडा

नयी दिल्ली, 19 जून (भाषा) प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 21 से 23 जून तक अमेरिका की महत्वपूर्ण यात्रा पर रहेंगे जिसमें दोनों पक्षों के बीच रक्षा सह उत्पादन, सह विकास में करीबी सहयोग के लिए ‘रक्षा औद्योगिक सहयोग का खाका’ पेश होने तथा उभरते एवं महत्वपूर्ण प्रौद्योगिकी सहित कई अहम क्षेत्रों में सहयोग के ठोस परिणाम सामने आने की उम्मीद है।

मोदी की अमेरिका यात्रा के बारे में विदेश सचिव विनय क्वात्रा ने सोमवार को यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘यह दोनों देशों के संबंधों को लेकर मील का पत्थर है। यह एक महत्वपूर्ण यात्रा है।’’

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी की अमेरिका यात्रा के दौरान रक्षा औद्योगिक सहयोग खाका सामने आने की उम्मीद है।

क्वात्रा ने कहा, ‘‘ हम इस यात्रा को काफी गहरे और व्यापक परिप्रेक्ष्य में देखते हैं और पाते हैं कि इस यात्रा को लेकर अमेरिका में अत्यंत सकारात्मक रुचि है। हम नये क्षेत्र में सहयोग को लेकर प्रतिबद्ध और लक्षित हैं जो दोनों देशों और समाज को लेकर महत्वपूर्ण होने के साथ-साथ दुनिया के लिए भी सकारात्मक योगदान देने की क्षमता वाले हैं।’’

उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री की यात्रा में ‘रक्षा औद्योगिक सहयोग रोडमैप’, उभरते एवं महत्वपूर्ण प्रौद्योगिकी क्षेत्र में सहयोग तथा दूरसंचार, अंतरिक्ष, विनिर्माण क्षेत्र में संबंधों को विस्तार देने पर ध्यान केंद्रित किया जायेगा।

क्वात्रा ने कहा, ‘‘अगर आप भारत-अमेरिका रक्षा गठजोड़ के परिदृश्य को देखें तब यह काफी मजबूत एवं विविधतापूर्ण है। इसमें ऐसे सभी तत्व हैं जो इसे काफी महत्वपूर्ण बनाते हैं।’’

उन्होंने कहा कि इसमें रक्षा सह उत्पादन और सह विकास से जुड़े सभी पहलुओं पर चर्चा हो सकती है।

क्वात्रा ने कहा, ‘‘ दोनों देशों के बीच सैन्य स्तर पर अनेक अभ्यास हुए हैं, इसमें कुछ द्विपक्षीय और कुछ क्षेत्रीय प्रकृति के रहे हैं। सशस्त्र बलों के बीच भी स्टाफ स्तर पर संपर्क हैं। भारत ने अमेरिकी उपकरणों की तैनाती की है और इनका उपयोग किया जा रहा है।’’

गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 20 से 25 जून तक अमेरिका और मिस्र की राजकीय यात्रा पर जा रहे हैं। इस दौरान वह दोनों देशों के साथ पहले से ही मजबूत संबंधों को और प्रगाढ़ बनाने पर चर्चा करेंगे।

विदेश सचिव ने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी की वाशिंगटन की राजकीय यात्रा का एक महत्वपूर्ण आयाम भारत और अमेरिका के बीच मजबूत प्रौद्योगिकी गठजोड़ बनाना और आर्थिक संबंधों को बेहतर बनाना है।

क्वात्रा ने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन के बीच रक्षा सह उत्पादन और सह-विकास से जुड़े सभी पहलुओं पर चर्चा हो सकती है।

प्रधानमंत्री की अमेरिका यात्रा के महत्वपूर्ण पहलुओं एवं रक्षा सहयोग के बारे में एक प्रश्न के उत्तर में विदेश सचिव ने कहा, ‘‘ भारत, अमेरिका के रक्षा सहयोग को एक सीमित दृष्टि से देखने के बजाय, इस बात पर ध्यान देना चाहिए कि हमारा सहयोग काफी व्यापक है। इसके कई महत्वपूर्ण भाग हैं। इसके एक नये भाग पर हम काफी ध्यान दे रहे हैं कि भारत और अमेरिका के रक्षा उद्योग अपना द्विपक्षीय सहयोग कैसे बढ़ा सकते हैं।’’

उन्होंने कहा कि दोनों देशों के, औद्योगिक आपूर्ति व्यवस्था से जुड़े संबंध किस प्रकार से एक-दूसरे का सहयोग कर सकते हैं, यह बात महत्वपूर्ण है।

क्वात्रा ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी की अमेरिका यात्रा का एक महत्वपूर्ण आयाम प्रौद्योगिकी से जुड़ा है और इसमें दूरसंचार क्षेत्र, अंतरिक्ष क्षेत्र, विनिर्माण जैसे क्षेत्र शामिल हैं। उन्होंने कहा, ‘‘उभरता और महत्वपूर्ण प्रौद्योगिकी क्षेत्र अहम है जो आने वाले समय में हमारे संबंधों को और विस्तार देगा।’’

विदेश सचिव ने कहा कि इस यात्रा के दौरान भारत और अमेरिका के बीच रक्षा औद्योगिकी सहयोग रोडमैप में प्रगति महत्वपूर्ण होगी जिस पर काफी समय से चर्चा चल रही है।

कारोबार एवं आर्थिक सहयोग का उल्लेख करते हुए उन्होंने बताया कि दोनों देशों के बीच सहयोग का एक महत्वपूर्ण स्तंभ मजबूत कारोबार एवं औद्योगिकी गठजोड़ है।

राष्ट्रपति बाइडन और प्रधानमंत्री मोदी के बीच चर्चा के मुद्दों के बारे में एक सवाल के जवाब में क्वात्रा ने कहा, ‘‘हम यहां से चर्चा का एजेंडा तय नहीं कर सकते लेकिन महत्वपूर्ण क्षेत्रीय एवं वैश्विक मुद्दे दोनों नेताओं के बीच चर्चा के दौरान आयेंगे।’’

वाशिंगटन में भारतीय उच्चायोग के सामने हिंसा उकसाने के प्रयास से जुड़ी घटनाओं से संबंधित एक सवाल पर उन्होंने कहा, ‘‘ऐसे हमले हमारे लिए चिंता का विषय हैं और हमने इन चिंताओं को उन देशों के साथ साझा किया जहां ऐसे संगठन हैं।’’

समझा जाता है कि दोनों नेता रूस यूक्रेन संघर्ष, हिन्द प्रशांत क्षेत्र की स्थिति, क्षेत्र में चीन के आक्रामक रुख सहित साझा हितों से जुड़े अन्य क्षेत्रीय एवं वैश्विक मुद्दों पर चर्चा कर सकते हैं।

प्रधानमंत्री मोदी की अमेरिका यात्रा न्यूयॉर्क से शुरू होगी, जहां वह 21 जून को न्यूयॉर्क स्थित संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में अंतरराष्ट्रीय योग दिवस समारोह की अगुवाई करेंगे।

उल्लेखनीय है कि संयुक्त राष्ट्र महासभा ने दिसंबर 2014 में एक प्रस्ताव पारित कर 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस घोषित किया था।

योग दिवस समारोह के बाद प्रधानमंत्री मोदी वाशिंगटन डी.सी. जाएंगे, जहां 22 जून को व्हाइट हाउस में उनका पारंपरिक स्वागत किया जाएगा और वह अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन के साथ मुलाकात करेंगे।

राष्ट्रपति जो बाइडन और प्रथम महिला जिल बाइडन 22 जून की शाम प्रधानमंत्री मोदी के सम्मान में राजकीय रात्रिभोज की मेजबानी करेंगे।

प्रधानमंत्री मोदी 22 जून को अमेरिकी कांग्रेस की संयुक्त बैठक को संबोधित करेंगे। यह दूसरा मौका होगा जब प्रधानमंत्री अमेरिकी कांग्रेस को संबोधित करेंगे। मोदी ने इससे पहले 2016 में अमेरिकी कांग्रेस को संबोधित किया था।

मोदी 23 जून को कई प्रमुख कंपनियों के मुख्य कार्यकारी अधिकारियों (सीईओ), पेशेवरों और अन्य हितधारकों के साथ भी बातचीत करेंगे। वह भारतीय-अमेरिकी समुदाय के लोगों से भी मुलाकात करेंगे।

विदेश सचिव ने कहा कि दोनों देशों के संबंधों का एक महत्वपूर्ण आयाम अमेरिका में भारतीय समुदाय है।

अमेरिका की उपराष्ट्रपति कमला हैरिस और विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन 23 जून को ही मोदी के सम्मान में आयोजित दोपहर भोज की मेजबानी करेंगे। प्रधानमंत्री मोदी वाशिंगटन के प्रतिष्ठित ‘रोनाल्ड रीगन बिल्डिंग एंड इंटरनेशनल ट्रेड सेंटर’ में 23 जून को आयोजित कार्यक्रम में भारतीय-प्रवासियों को संबोधित करेंगे।

प्रधानमंत्री मोदी दो देशों की अपनी यात्रा के दूसरे चरण में 24 से 25 जून तक मिस्र की राजकीय यात्रा पर काहिरा जाएंगे।

मोदी मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फतह अल-सीसी के निमंत्रण पर यह यात्रा कर रहे हैं। अल-सीसी ने भारत के गणतंत्र दिवस समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत की थी और उसी समय उन्होंने प्रधानमंत्री को मिस्र यात्रा के लिए आमंत्रित किया था। यह प्रधानमंत्री के तौर पर मोदी की मिस्र की पहली यात्रा होगी।

प्रधानमंत्री मोदी वरिष्ठ गणमान्य व्यक्तियों, मिस्र की कुछ प्रमुख हस्तियों और मिस्र में भारतीय समुदाय के साथ संवाद करेंगे। साथ ही उनका अल हाकिम मस्जिद भी जाने का कार्यक्रम है।

मोदी ‘इंडिया यूनिट’ के साथ भी संवाद करेंगे जिसका गठन मिस्र के राष्ट्रपति ने भारत यात्रा से लौटने के बाद मार्च में किया था। इस यूनिट में कई उच्चस्तरीय मंत्री शामिल हैं।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, मिस्र के राष्ट्रपति अल सीसी के साथ द्विपक्षीय वार्ता करेंगे। इस दौरान कुछ समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर भी किये जायेंगे।

भाषा दीपक नेत्रपाल

नेत्रपाल

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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