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पूर्व सीजेआई आर सी लाहोटी के निधन पर सीजेआई रमण ने जताया शोक

नयी दिल्ली, 24 मार्च (भाषा) भारत के प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई) एन. वी. रमण ने पूर्व सीजेआई रमेश चंद्र लाहोटी के निधन पर बृहस्पतिवार को गहरा शोक जताया।

न्यायमूर्ति लाहोटी 81 वर्ष के थे। उनका निधन बुधवार देर शाम यहां एक अस्पताल में हो गया।

सीजेआई ने उच्चतम न्यायालय में सुनवाई शुरू होने से पहले न्यायमूर्ति लाहोटी को श्रद्धांजलि अर्पित की।

न्यायमूर्ति रमण ने कहा, ‘‘उनका (न्यायमूर्ति लाहोटी का) निधन सम्पूर्ण कानून बिरादरी के लिए गहरा धक्का है। न्यायमूर्ति लाहोटी हमेशा निर्भीक और निष्पक्ष न्यायाधीश के तौर पर याद किये जाएंगे। मैं साथी न्यायाधीशों की ओर से उनके (न्यायमूर्ति लाहोटी के) परिजनों और दोस्तों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त करता हूं।’’

उन्होंने कहा कि ‘फुल कोर्ट रेफरेंस’ बाद में आयोजित किया जाएगा।

अधिवक्ताओं की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता दुष्यंत दवे ने पूर्व सीजेआई के निधन पर शोक जताया।

दवे ने कहा, ‘‘वह (न्यायमूर्ति लाहोटी) शीर्ष अदालत के सबसे बेहतरीन न्यायाधीशों में से एक थे और अधिवक्तागण उन्हें हमेशा महान न्यायाधीश के रूप में याद रखेंगे।’’

केंद्रीय विधि एवं न्याय मंत्री किरेन रिजिजु ने भी न्यायमूर्ति लाहोटी के निधन पर शोक जताया है। उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘पूर्व सीजेआई न्यायमूर्ति लाहोटी के निधन की खबर सुनकर दुखी हूं। वह निचले तबके से निकलकर अपनी काबिलियत, ज्ञान एवं बुद्धिमता के बल पर देश की न्यायपालिका के शीर्ष स्थान तक पहुंचे।’’

न्यायमूर्ति लाहोटी को एक जून 2004 को भारत के 35वें प्रधान न्यायाधीश के तौर पर नियुक्त किया गया था। वह एक नवंबर 2005 को सेवानिवृत्त हुए थे।

लाहोटी का जन्म एक नवंबर 1940 को हुआ था।

उन्हें अप्रैल 1977 में बार से राज्य उच्च न्यायिक सेवा में सीधे भर्ती करते हुए जिला और सत्र न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया गया था।

एक वर्ष तक पद पर रहने के बाद, न्यायमूर्ति लाहोटी ने मई 1978 में इस्तीफा दे दिया और मुख्य रूप से उच्च न्यायालय में वकालत करने के लिए बार में लौट आए।

उन्हें तीन मई 1988 को मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय का अतिरिक्त न्यायाधीश नियुक्त किया गया और अगले वर्ष चार अगस्त को स्थायी न्यायाधीश बना दिया गया।

उन्हें सात फरवरी, 1994 को दिल्ली उच्च न्यायालय में स्थानांतरित कर दिया गया, और बाद में नौ दिसंबर, 1998 को उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया गया था।

न्यायमूर्ति लाहोटी प्रेस ट्रस्ट ऑफ इंडिया (पीटीआई) के निदेशक मंडल में पूर्व स्वतंत्र निदेशक भी थे।

भाषा सुरेश मनीषा

मनीषा

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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