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चंद्रबाबू नायडू ने जेल में जान पर खतरे को लेकर एसीबी अदालत को पत्र लिखा

उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी | एएनआई
इसरो वैज्ञानिक एन. वलारमथी | ट्विटर/@DrPVVenkitakri1

राजामहेंद्रवरम (आंध्र प्रदेश), 27 अक्टूबर (भाषा) तेलुगु देशम पार्टी (तेदेपा) सुप्रीमो और आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू ने एक विशेष अदालत को पत्र लिखकर जेल में सुरक्षा खामियों का आरोप लगाया और चाक-चौबंद सुरक्षा व्यवस्था करने के लिए अपील की।

नायडू को कौशल विकास निगम से धन का दुरुपयोग करने के आरोप में नौ सितंबर को गिरफ्तार किया गया था। वह अभी राजामहेंद्रवरम केंद्रीय कारागार में बंद हैं। आरोप है कि इस कथित घोटाले के परिणामस्वरूप राज्य के खजाने को 300 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हुआ था।

नायडू ने विजयवाड़ा के भ्रष्टाचार रोधी ब्यूरो (एसीबी) की अदालत के न्यायाधीश बी एस वी हिमा बिंदू को पत्र लिखा, ‘‘मेरा अनुरोध है कि मुझे दी गयी जेड प्लस श्रेणी की सुरक्षा के तहत राजामहेंद्रवरम के केंद्रीय कारागार में और उसके आसपास चाक-चौबंद सुरक्षा व्यवस्था की जाए।’’

तेदेपा ने शुक्रवार को इस पत्र की प्रति ‘पीटीआई-भाषा’ के साथ साझा की।

जेल परिसर में घुसते वक्त अनधिकृत तरीके से वीडियो फुटेज और तस्वीरें लेने तथा जेल परिसर के ऊपर दो बार ड्रोन मंडराने जैसी कई कथित खामियों को गिनाते हुए नायडू ने कहा कि ये अप्रिय घटनाएं जेड प्लस श्रेणी की सुरक्षा मिले होने के बावजूद उनकी जान को खतरे में डाल रही हैं।

पूर्व मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि पुलिस ने वीडियो फुटेज और तस्वीरें लीक कीं जिन्हें बाद में उनकी प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाने के लिए सोशल मीडिया समेत विभिन्न मीडिया मंचों पर व्यापक रूप से प्रसारित किया गया।

नायडू ने दावा किया कि मादक पदार्थ मामले में जेल में बंद एक कैदी पेन कैमरा लेकर घूम रहा है।

उन्होंने यह भी दावा किया कि पूर्वी गोदावरी जिले के पुलिस अधीक्षक और जेल प्राधिकारियों को वामपंथी उग्रवादियों की ओर से एक अज्ञात पत्र मिला है जिसमें उनकी हत्या करने की धमकी दी गयी है। उन्होंने आरोप लगाया कि इसके लिए करोड़ रुपये का आदान-प्रदान हुआ है।

उन्होंने आरोप लगाया कि अज्ञात बदमाशों ने सत्ता में बैठे लोगों के कहने पर जेल में उनकी गतिविधियों का पता लगाने के लिए एक ड्रोन उड़ाया।

नायडू ने दावा किया कि ड्रोन खुली जेल के समीप आया, जहां कुछ कैदी बंद हैं और पुलिस ने इस घटना की सच्चाई या इसके लिए जिम्मेदार व्यक्तियों का पता लगाने को लेकर कोई कार्रवाई नहीं की।

नायडू ने आरोप लगाया कि छह अक्टूबर को उनसे मिलने आए उनके परिवार के सदस्यों की तस्वीरें खींचने के लिए जेल के मुख्य प्रवेश द्वार पर एक और ड्रोन उड़ाया गया। उन्होंने कहा कि ये घटनाएं उनकी तथा उनके परिवार की सुरक्षा पर खतरे को उजागर करती हैं।

नायडू ने इन कथित खामियों पर विचार करते हुए न्यायाधीश से राजामहेंद्रवरम केंद्रीय कारागार में तथा उसके आसपास उनकी चाक-चौबंद सुरक्षा के लिए व्यवस्था करने का अनुरोध किया।

भाषा

गोला मनीषा

मनीषा

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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