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जरूरी दवाओं की कीमतों में वृद्धि को वापस ले केंद्र : राकांपा

मुंबई, आठ अप्रैल (भाषा) राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) ने केंद्र सरकार पर आवश्यक दवाओं की कीमतों में वृद्धि कर ‘‘एक और अन्य अन्यायपूर्ण फैसला’’लेने का आरोप लगाते हुए शुक्रवार को इस कदम को तत्काल वापस लेने की मांग की।

महाराष्ट्र में राकांपा के प्रवक्ता महेश तापसे ने केंद्र पर एक अप्रैल से ऐसे समय में 800 आवश्यक दवाओं की कीमतों में 11 प्रतिशत वृद्धि करने का आरोप लगाया जब लोग पहले ही वित्तीय समस्याओं का सामना कर रहे हैं।

वीडियो संदेश में तापसे ने कहा कि देश में पहले ही पेट्रोल, डीजल, गैस, खाद्य तेल और खाद्यान्न की कीमतें ‘‘आसमान’’छू रही हैं।

उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘ऐसे समय में (नरेंद्र) मोदी सरकार ने एक अप्रैल से 800 आवश्यक दवाइयों की कीमत में 11 प्रतिशत की वृद्धि करने का एक और अन्यायपूर्ण फैसला किया है।’’

तापसे ने केंद्र पर आरोप लगाया कि वह इस फैसले से लोगों को आर्थिक रूप से तोड़ रही है।

उन्होंने कहा, ‘‘मोदी सरकार कभी बढ़ी हुई कीमतों को कम करने के बारे में नहीं सोचती। लगभग हर चीज की कीमत बढ़ चुकी है। सरकार को तत्काल 800 आवश्यक दवाओं की कीमतों में की गई वृद्धि को वापस लेना चाहिए।’’

उल्लेखनीय है कि पिछले महीने राष्ट्रीय फार्मास्युटिकल मूल्य निर्धारण प्राधिकरण (एनपीपीए) ने वर्ष 2020 के मुकाबले वर्ष 2021 में थोक मूल्य सूचकांक (डल्ब्यूपीआई) में 10.7 प्रतिशत का बदलाव करने की घोषणा की थी। इसमें एजिथ्रोमााइसिन, सिप्रोफ्लोक्सिन हाईड्रोक्लोराइड, मेट्रोनिडाजोल, पैरासिटामोल दवाएं शामिल थीं।

एनपीपीए के फैसले की वजह से एक अप्रैल से बुखार, त्वचा रोग, हृदय रोग, एनिमिया, विटामिन और उच्च रक्त चाप के इलाज में इस्तेमाल होने वाली दवाओं की कीमत बढ़ गई है।

भाषा धीरज मनीषा

मनीषा

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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