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सुप्रीम कोर्ट ने चिदंबरम पर सुनवाई 12 बजे तक टाली, सीजेआई रंजन गोगोई के पास पहुंचा मामला

आईएनएक्स मीडिया में भ्रष्टाचार से जुड़े मामले में कांग्रेस नेता और यूपीए सरकार में वित्तमंत्री रहे पी. चिदंबरम पर सीबीआई की तलवार लटकती जा रही है.

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सर्वोच्च न्यायालय, फाइल फोटो । मनीषा मोंडल/ दिप्रिंट

नई दिल्ली : आईएनएक्स मीडिया में भ्रष्टाचार से जुड़े मामले में कांग्रेस नेता और यूपीए सरकार में वित्तमंत्री रहे पी. चिदंबरम पर बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में होने वाली सुनवाई को 12 बजे तक के लिए टाल दिया गया है. अब मामले को चीफ जस्टिस रंजन गोगोई देखेंगे जो कि पहले से ही अयोध्या मामले की सुनवाई में व्यस्त हैं. इससे पहले मामले को लेकर बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में 10.30 बजे सुनवाई होनी थी. कांग्रेस ने पूरे मामले को राजनीति से प्रेरित से बताया है.

न्यायमूर्ति एन.वी. रमन्ना की अध्यक्षता वाली सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने बुधवार को आईएनएक्स मीडिया मामले में पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम की अग्रिम जमानत की याचिका पर सुनवाई करते हुए उन्हें गिरफ्तारी से अंतरिम राहत देने से इंकार करते हुए मामले को तत्काल सुनवाई के लिए मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई के पास भेज दिया है. सोलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने शीर्ष अदालत को बताया कि धन शोधन का यह मामला बहुत पुराना है.

इस पर चिदंबरम के वकील तथा वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने तर्क दिया कि पूर्व मंत्री के आवास पर रात दो बजे एक नोटिस लगाया गया था. इस पर पीठ ने कहा, ‘मैं तत्काल सुनवाई के लिए यह फाइल मुख्य न्यायाधीश के पास भेज रहा हूं.’

सिब्बल ने इस पर कहा कि मंगलवार को उन्होंने मुख्य न्यायाधीश से संपर्क किया था लेकिन तत्काल सुनवाई नहीं हो सकी. सिब्बल ने अदालत को यह भी बताया कि मामले से जुड़े दस्तावेज मामले की तत्काल सुनवाई के लिए तैयार हैं.

तीन बार घर पर खोजने पहुंची सीबीआई को नहीं मिल रहे पी. चिदंबरम

इससे पहले सीबीआई की टीम चिदंबरम के घर तीन बार गिरफ्तार करने पहुंची लेकिन वह नहीं मिले. मामले की तत्काल सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई को लेकर टीम ने गिरफ्तारी को टाल दिया है.

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उच्च न्यायालय के फैसले के बाद चिदंबरम के पास गिरफ्तारी से बचने के लिए अब सिर्फ सर्वोच्च न्यायालय का दरवाजा ही बचा. उन्होंने सर्वोच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया और तत्काल सुनवाई की मांग की. न्यायालय बुधवार सुबह याचिका पर सुनवाई कर सकती है. संभावना है कि सुबह 10.30 बजे याचिका पर सुनवाई होगी.

लेकिन इस बीच जांच एजेंसियां (सीबीआई और ईडी) कांग्रेस नेता को गिरफ्तार करने उनके घर पहुंचीं, लेकिन चिदंबरम घर पर नहीं मिले. सीबीआई की टीम शाम 6.30 बजे उनके आवास पहुंची और उनके घर पर नहीं मिलने पर 10 मिनट बाद वापस लौट गई. इसके बाद ईडी की टीम 7.30 बजे वरिष्ठ कांग्रेसी नेता के घर पहुंची.

चूंकि सर्वोच्च न्यायालय चिदंबरम की याचिका पर बुधवार सुबह सुनवाई कर सकती है, लिहाजा जांच एजेंसियां भी अब सुबह सर्वोच्च न्यायालय का फैसला आने तक इंतजार करेंगी और उन्हें गिरफ्तार करने के लिए रातभर छापे नहीं मारेंगी.

चिदंबरम के पक्ष में खड़ी होते हुए कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने सरकार पर चिदंबरम के सच बोलने के कारण उनके पीछे पड़ने का आरोप लगाया है.

प्रियंका ने ट्वीट किया है, ‘बहुत योग्य और सम्मानित राज्यसभा सदस्य पी. चिदंबरम जी ने दशकों देश की सेवा की है वित्तमंत्री और गृह मंत्री के रूप में उनकी सेवा भी शामिल है. वह बिना हिचके सत्ता की हकीकत सामने लाते हैं और इस सरकार की असफलताएं बताते रहते हैं, लेकिन कायर हैं कि सच्चाई से असहज हो जाते हैं, इसलिए शर्मनाक तरीके से उनके पीछे पड़ा जा रहा है. हम उनके साथ खड़े हैं और सच के लिए लड़ते रहेंगे, नतीजे चाहे जो भी हों’

वरिष्ठ वकील और कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीद ने कहा है कि यह एकदम से गलत है. सभी लोग सुप्रीम कोर्ट जाते हैं. हम भी मामले को लेकर गये हैं.

जेल या बेल पर फैसला सुबह

पूर्व केंद्रीय वित्तमंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता पी. चिदंबरम के लिए मंगलवार की रात मुश्किल भरी है. उनके ऊपर गिरफ्तारी की तलवार लटकी हुई है, और वह इससे बचने की जुगत में हैं. दिल्ली उच्च न्यायालय ने अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी, और अब जेल या बेल की गेंद सर्वोच्च न्यायालय के पाले में है, जहां सुबह सुनवाई कर सकती है. इस बीच, केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के अधिकारियों की टीमें चिदंबरम के घर पहुंचीं, लेकिन वह वहां नहीं मिले. दोनों टीमें उनके घर से वापस लौट गईं, लेकिन उनके इरादे नहीं बदले हैं. ज्यादा संभावना है कि आज रात चिदंबरम गिरफ्तारी से बच जाएं, और उनकी गिरफ्तारी पर फैसला सुबह सुप्रीम कोर्ट में ही होगा.

वहीं इससे पहले आईएनएक्स मीडिया मामले में गिरफ्तारी से बचने के लिए चिदंबरम ने दिल्ली उच्च न्यायालय में अग्रिम जमानत के लिए याचिका दाखिल की थी लेकिन न्यायालय ने उनकी याचिका खारिज कर दी. न्यायमूर्ति सुनील गौड़ ने कहा कि इस मामले में जो सबूत अदालत के समक्ष पेश किए गए हैं, उनसे प्रथमदृष्ट्या साबित होता है कि याचिकाकर्ता इस मामले (आईएनएक्स) का मुख्य साजिशकर्ता है.

अदालत ने कहा कि चिदंबरम भले ही पूर्व वित्तमंत्री और मौजूदा सांसद हैं, लेकिन यह जरूरी नहीं कि अहम पद पर बैठकर गलती नहीं की जा सकती. इसलिए यह जरूरी है कि याचिकाकर्ता को हिरासत में लेकर पूछताछ की जाए.

दअसल, सीबीआई आईएनएक्स मीडिया मामले में चिदंबरम की भूमिका की जांच कर रही है. जांच एजेंसी ने यह मामला 15 मई, 2017 को दर्ज किया गया था.

चिदंबरम पर आरोप है कि वित्तमंत्री रहने के दौरान उन्होंने 2007 में 305 करोड़ रुपये का विदेशी फंड प्राप्त करने के लिए आईएनएक्स मीडिया समूह को एफआईपीबी मंजूरी देने में अनियमितता बरती थी.

ईडी ने काले धन को सफेद बनाने (मनी लॉन्डरिंग) को लेकर उनके ऊपर 2018 में मामला दर्ज किया था.

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