होम देश कानपुर, कन्नौज के बाद लखनऊ में भी पाए गए जीका वायरस के...

कानपुर, कन्नौज के बाद लखनऊ में भी पाए गए जीका वायरस के मामले, अधिकारी बोले- लोग बरतें सावधानी

अधिकारी ने बताया कि लखनऊ के हुसैनगंज क्षेत्र में रहने वाले 30 वर्षीय व्यक्ति और कृष्णानगर क्षेत्र की 24 वर्षीय महिला में बीमारी के लक्षण पाये गये हैं, उनकी हालत स्थिर है.

प्रतीकात्मक तस्वीर, फाइल फोटो.

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के कानपुर और कन्नौज के बाद राजधानी लखनऊ में भी जीका वायरस के मामले सामने आए हैं.

स्वास्थ्य विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने शुक्रवार को यह जानकारी दी.

उन्होंने बताया कि लखनऊ में जीका वायरस के दो मामले सामने आए हैं, इसके साथ ही राज्य में जीका वायरस के कुल मामलों की संख्या 111 हो गई है, जिनमें से 108 मामले कानपुर से और एक मामला कन्नौज से सामने आया है. कानपुर में अब तक 17 मरीज ठीक हो चुके हैं.

अधिकारी ने बताया कि लखनऊ के हुसैनगंज क्षेत्र में रहने वाले 30 वर्षीय व्यक्ति और कृष्णानगर क्षेत्र की 24 वर्षीय महिला में बीमारी के लक्षण पाये गये हैं, उनकी हालत स्थिर है. मरीजों और उनके नजदीकी लोगों के नमूने जांच के लिये भेजे गये हैं. उनके घरों के आसपास कीटनाशक का छिड़काव भी किया जा रहा है.

अपर मुख्य सचिव (स्वास्थ्य) अमित मोहन प्रसाद ने कहा कि प्रदेश सरकार ने मच्छर जनित बीमारियों तथा जल जनित रोगों के उपचार के लिए आवश्यक चिकित्सकीय प्रबन्ध किये हैं. सभी लोग मच्छर जनित एवं जलजनित रोगों से बचने के लिए प्रदेश सरकार द्वारा बतायी जा रही सावधानियों को अपनाएं.

अच्छी पत्रकारिता मायने रखती है, संकटकाल में तो और भी अधिक

दिप्रिंट आपके लिए ले कर आता है कहानियां जो आपको पढ़नी चाहिए, वो भी वहां से जहां वे हो रही हैं

हम इसे तभी जारी रख सकते हैं अगर आप हमारी रिपोर्टिंग, लेखन और तस्वीरों के लिए हमारा सहयोग करें.

अभी सब्सक्राइब करें

उन्होंने बताया कि जीका वायरस संक्रमण का पता लगाने के लिए 3500 से अधिक नमूनों के परीक्षण किये जा चुके हैं और लगातार परीक्षण किये जा रहे हैं.

गौरतलब है कि बुधवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कानपुर में ‘इण्टीग्रेटेड कण्ट्रोल एण्ड कमाण्ड सेण्टर’ (जीका वायरस) का निरीक्षण किया था. उन्होंने कहा था, ‘जीका वायरस की रोकथाम के लिए और तेजी से कार्य करना होगा. इस बीमारी से बचाव हेतु व्यापक प्रचार-प्रसार कर जागरूकता लायी जाए, जिससे लोगों में भय न होने पाए.’

Exit mobile version