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किसान आंदोलन को ‘जाफ़राबाद’ में बदलने की धमकी देने वाली, ‘हिंदुत्व लीडर’ रागिनी तिवारी पर केस दर्ज

स्व:घोषित हिंदुत्व लीडर रागिनी तिवारी की वीडियो, जिसमें वो एक और जाफ़राबाद- फरवरी के दिल्ली दंगों का केंद्र- की धमकी दे रही हैं, 12 दिसंबर को वायरल हो गया.

स्व-घोषित हिंदुत्व नेता रागिनी तिवारी के वायरल वीडियो से लिया गया स्क्रीनशॉट, जिसमें उन्होंने विवादास्पद धमकी दी है

नई दिल्ली: दिल्ली पुलिस ने स्व:घोषित हिंदुत्व लीडर रागिनी तिवारी के खिलाफ एक प्राथमिकी दर्ज की है. कुछ दिन पहले ही रागिनी का एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें उन्होंने किसानों के चल रहे आंदोलन को, ‘एक और जाफ़राबाद’ में बदलने की धमकी दी थी.

ये एफआईआर उत्तरपूर्वी ज़िले की पुलिस ने 16 दिसंबर को, भारतीय दंड संहिता की धारा 153 (दंगे कराने की मंशा से निर्दयतापूर्वक उकसाना) के तहत दर्ज की है.

दिल्ली पुलिस के एक अधिकारी ने, नाम छिपाने की शर्त पर दिप्रिंट से कहा, ‘एक एफआईआर उसके बाद दायर की गई, जब एक पुलिसकर्मी ने उस वीडियो पर, रागिनी के खिलाफ एक शिकायत दर्ज कराई, कि वो न केवल धमकी दे रही हैं, बल्कि लोगों को हिंसा के लिए उकसा भी रही हैं’.

उन्होंने आगे कहा कि उत्तरपूर्वी दिल्ली में, फरवरी में हुए दंगों को भड़काने में भी, तिवारी की भूमिका की जांच की जाएगी.

लेकिन, बुद्धवार को दिप्रिंट से बात करते हुए, तिवारी ने कहा कि उन्हें एफआईआर की कोई जानकारी नहीं है. उन्होंने ये भी कहा कि पुलिस ने, उनके वीडियो के सिलसिले में क़रीब एक हफ्ता पहले उन्हें बुलाया था.

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तिवारी का वायरल वीडियो

एक वीडियो में, जो 12 दिसंबर से वायरल है, तिवारी ने धमकी दी कि दिल्ली-हरियाणा बॉर्डर पर, किसानों के चल रहे आंदोलन को ‘एक और जाफ़राबाद’ में बदल दिया जाएगा.

48 वर्षीय तिवारी ने कहा, ‘अगर सरकार 16 दिसंबर तक, किसानों के प्रदर्शन से छुटकारा नहीं पा लेती, तो 17 फरवरी को रागिनी एक और जाफराबाद बना देगी, और फिर से सड़कों को खुलवा देगी. अगर कुछ भी होता है, तो केंद्र, राज्य सरकार, और दिल्ली पुलिस ज़िम्मेदार होंगे. मेरी बहनें तैयार हो जाएं…राष्ट्रवादी लोग आएं और मेरा समर्थन करें’.

उत्तर पूर्वी दिल्ली का जाफ़राबाद, इस साल फरवरी में हिंदू-मुस्लिम दंगों का केंद्र बन गया था, जिनमें 53 लोग मारे गए थे.

वीडियो की व्यापक आलोचना हुई, और सोशल मीडिया पर बहुत से लोगों ने, उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग की.

लेकिन, ये पहली बार नहीं है कि तिवारी ने हिंसा की धमकी दी है.

22 फरवरी को, सीएए-विरोधी प्रदर्शनकारियों ने जाफराबाद में, बीच सड़क पर एक आंदोलन शुरू कर दिया था. उसके एक दिन बाद बीजेपी नेता कपिल मिश्रा ने धमकी दी, कि यदि पुलिस प्रदर्शनकारियों को उस जगह से नहीं हटा पाई, तो वो और उनके समर्थक ये काम करेंगे.

उसी दिन, तिवारी ने दिल्ली के मौजपुर में, एक फेसबुक लाइव वीडियो किया था, जहां उन्होंने कहा, ‘बहुत हो गए सनातन (हिंदूवाद) पर हमले. अब हम ये हमले बर्दाश्त नहीं करेंगे. हिंदुओं बाहर आ जाओ. मरो या मार दो. बाक़ी बाद में देखा जाएगा. अगर अभी भी आपका ख़ून नहीं खौला है, तो फिर वो ख़ून नहीं पानी है’.


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