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कैग की रिपोर्ट पर भाजपा-कांग्रेस ने केरल सरकार को घेरा, पुलिस बोली- कोई राइफल गायब नहीं

एक दिन पहले कैग की लेखा रिपोर्ट में यहां विशेष सशस्त्र पुलिस बटालियन (एसएपीबी) के पास 25 इन्सास राइफल और 12,061 कारतूस कम पाए गए थे.

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कैग की बिल्डिंग और केरला पुलिस.

तिरुवनंतपुरम: केरल पुलिस ने कहा है कि उनकी कोई भी राइफल गायब नहीं हुई है. एक दिन पहले कैग की लेखा रिपोर्ट में यहां विशेष सशस्त्र पुलिस बटालियन (एसएपीबी) के पास 25 इन्सास राइफल और 12,061 कारतूस कम पाए गए थे.

इस बीच विपक्षी कांग्रेस और भाजपा ने इस मुद्दे को लेकर राज्य सरकार पर निशाना साधते हुए पुलिस प्रमुख के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है.

नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक ने अपनी रिपोर्ट में कहा था कि एसएपीबी के बेल ऑफ आर्म्स (ऐसे तंबू जहां हथियार रखे जाते हैं) के सहायक कमांडेंट के साथ संयुक्त सत्यापन में 12,061 कारतूस गायब मिले.

राज्य पुलिस मीडिया केंद्र की ओर से जारी एक वक्तव्य में बृहस्पतिवार को कहा गया, ‘कैग रिपोर्ट के मुताबिक 25 इन्सास राइफलें कथित तौर पर गायब हैं. अपराध शाखा की अब तक की जांच में पता चला है कि एक भी इन्सास राइफल गायब नहीं है.’

इसमें आगे कहा गया, ‘अपराध शाखा विशेष सशस्त्र पुलिस (एसएपी) को जारी किए गए सभी हथियारों का फिर से भौतिक सत्यापन कर रही है.’

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कैग ने, दिशा-निर्देशों का उल्लंघन करते हुए वीवीआईपी सुरक्षा के लिए बुलेट प्रूफ वाहन की खरीद करने के लिए राज्य पुलिस प्रमुख डीजीपी लोकनाथ बेहेरा पर नाराजगी जाहिर की.

31 मार्च 2018 को खत्म हुए वित्त वर्ष के लिए अपने सामान्य और सामाजिक क्षेत्र की रिपोर्ट में कैग ने कहा था कि 9एमएम के 250 ड्रिल कारतूस कम हैं और इसे छिपाने के लिए उनकी जगह डमी कारतूस रखे गए.

एलडीएफ सरकार पर नाराजगी जाहिर करते हुए विदेश राज्यमंत्री वी. मुरलीधरन ने कहा कि डीजीपी और राज्य पुलिस के खिलाफ लगे आरोपों से मुख्यमंत्री पिनराई विजयन बचाव मुद्रा में आ गए हैं क्योंकि गृह मंत्रालय उनके अधीन है.

उन्होंने फेसबुक पर लिखा, ‘तो क्या इसका मतलब यह है कि मुख्यमंत्री इन मामलों से अनभिज्ञ थे? यह पता लगाना होगा कि गायब राइफल और गोला-बारूद चरमपंथी संगठनों को तो नहीं दे दिए गए.’

केरल के, प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष मुल्लापल्ली रामचंद्रन ने मुख्यमंत्री विजयन और राज्य के पुलिस प्रमुख से इस्तीफा मांगा. उन्होंने आरोप लगाया कि सीबीआई जांच से सच सामने नहीं आएगा क्योंकि बेहेरा नरेंद्र मोदी सरकार के करीबी हैं.

विधानसभा में विपक्ष के नेता रमेश चेन्निथनला ने मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में बेहेरा को पद से हटाने की मांग की. उन्होंने लिखा कि बेहेरा के खिलाफ सीबीआई जांच और राइफलों तथा कारतूसों के गायब होने की जांच एनआईए से करवाए जाने की जरूरत है.

इस बीच बेहेरा ने सचिवालय में मुख्यमंत्री से मुलाकात की.

पुलिस सूत्रों ने बताया कि डीजीपी एक सम्मेलन में भाग लेने मार्च के पहले हफ्ते में ब्रिटेन जाने वाले हैं.

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