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जेकेपीसीसी के खराब प्रदर्शन और बही-खाते पूरा नहीं करने पर कैग ने लगाई लताड़

कैग ने खराब प्रदर्शन और लेखा-बही को अंतिम रूप नहीं देने को लेकर जम्मू-कश्मीर परियोजना निर्माण निगम (जेकेपीसीसी) की खिंचाई की है. इसके साथ ही कैग ने जेकेपीसीसी के पास कार्य के मूल्य में गिरावट को लेकर भी उसे लताड़ लगाई है.

कैग की दिल्ली स्थित इमारत

जम्मू: नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) ने खराब प्रदर्शन और लेखा-बही को अंतिम रूप नहीं देने को लेकर जम्मू-कश्मीर परियोजना निर्माण निगम (जेकेपीसीसी) की खिंचाई की है. इसके साथ ही कैग ने जेकेपीसीसी के पास कार्य के मूल्य में गिरावट को लेकर भी उसे लताड़ लगाई है.

कैग की जम्मू-कश्मीर के लिए राजस्व क्षेत्र तथा सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रमों पर 31 मार्च, 2017 को समाप्त वित्त वर्ष की रिपोर्ट में कहा गया है कि जेकेपीसीसी के पास कार्य का मूल्य 2016-17 में घटकर 250.65 करोड़ रुपये रह गया. यह 2012-13 में 364.19 करोड़ रुपये था.

सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी जेकेपीसीसी नामांकन के आधार पर कार्य ऑर्डर हासिल करने के लिए राज्य सरकार के विभागों या एजेंसियों पर निर्भर है.

कैग की इसी सप्ताह संसद में पेश रिपोर्ट में कहा गया है कि कंपनी प्रतिस्पर्धी निविदा के आधार पर कोई ऑर्डर हासिल करने में विफल रही.

जेकेपीसीसी की स्थापना राज्य और केंद्र सरकार तथा सार्वजनिक उपक्रमों के लिए निर्माण कार्यों के क्रियान्वयन के लिए की गई थी. कैग की रिपोर्ट में कहा गया है कि कंपनी ने सिर्फ 2010-11 तक अपने बही-खातों को अंतिम रूप दिया है.

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कंपनी के पास कार्य ऑर्डर 2012-13 में 364.19 करोड़ रुपये के थे, जो 2016-17 में घटकर 250.65 करोड़ रुपये रह गए. वित्त वर्ष 2014-15 में कंपनी को 3.95 करोड़ रुपये का घाटा हुआ. इसके अगले वित्त वर्ष में कंपनी का घाटा बढ़कर 11.69 करोड़ रुपये पर पहुंच गया.

रिपोर्ट में कहा गया है कि इस दौरान कंपनी का कार्य लक्ष्य सिर्फ 29 से 50 प्रतिशत से ही पूरा हो पाया. 2012-17 के दौरान सिर्फ 58.52 प्रतिशत से 75.55 प्रतिशत तक कोष का ही इस्तेमाल किया गया.

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