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कैग ने ललित कला अकादमी में ‘अनियमितताएं’ उजागर की, संस्थान ने उन्हें खारिज किया

(जीवन प्रकाश शर्मा)

नयी दिल्ली, 23 दिसंबर (भाषा) नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक ने ललित कला अकादमी (एलकेए) में गंभीर वित्तीय ‘अनियमितताएं’ उजागर की हैं। कैग अधिकारियों ने यह जानकारी दी।

कैग की यह टिप्पणी 2016-17 से 2021-22 के बीच संस्कृति मंत्रालय के तहत प्रतिष्ठित कला संस्थान, ललित कला अकादमी में सरकार के सामान्य वित्तीय नियमों को धत्ता बताते हुए कई अनियमितताएं बरते जाने का संकेत करती है।

अधिकारियों के अनुसार रिपोर्ट में आरोप लगाया गया है कि एलकेए ने अन्य निकायों को भुगतान करने, अधिकारियों की नियुक्ति करने, बाहरी एजेंसियों की सेवाएं लेने, विदेश यात्रा की मंजूरी देने में कई नियमों की अनदेखी की।

अकादमी की अध्यक्ष एवं संस्कृति मंत्रालय की संयुक्त सचिव उमा नंदूरी ने इस संबंध में कुछ भी कहने से इनकार कर दिया जबकि अकादमी के सचिव (प्रभारी) रामकृष्ण वेदाला ने कैग की टिप्पणी को ‘ गलत एवं मनगढंत’ करार देते हुए खारिज कर दिया।

कैग ने अपनी टिप्पणी अक्टूबर 2022 में अकादमी के पास उसकी प्रतिक्रिया के लिए भेजी थी। अकादमी ने उसे मंत्रालय के पास अग्रसारित कर दिया जिसने अब तक उसे अकादमी को नहीं लौटाया है।

मंत्रालय के जवाब के बाद एलकेए इसे कैग को भेजेगा जो इसे संकलित कर संसद के पटल पर रखेगी।

कैग ने आरोप लगाया है कि एलकेए ने 1997-98 से 2021-22 तक 2,568.66 लाख रुपये के संदर्भ में विभिन्न संस्थानों से उपयोगिता प्रमाणपत्र हासिल नहीं किये।

कैग की रिपोर्ट में कहा गया है, ‘‘ अकादमी को यह सुनिश्चित करने के लिए प्रभावी कदम उठाने की जरूरत है कि उपयोगिता प्रमाण पत्र (यूसी) हासिल किये जाएं । उसे यह भी सुनिश्चित करने की आवश्यकता है कि जिस उद्देश्य के लिए धनराशि जारी किया गया है, उसका उपयोग वाकई उस उद्देश्य के लिए किया जाए।’’

उसमें कहा गया है, ‘‘ रिकार्ड के रखरखाव की गुणवत्ता बहुत खराब है। लंबित यूसी की संख्या घटाने के लिए अकादमी की ओर से वास्तविक कदम उठाये जाने का कोई सबूत नहीं है।’’

कैग ने यह भी कहा है कि वाहनों को भाड़े पर लेने , वकीलों की सेवा लेने, लैपटॉप की खरीद एवं वितरण में भी अनियमितताएं बरती गयीं तथा ठेकेदारों के साथ अनुचित पक्षपात किया गया।

उसकी रिपोर्ट में आरोप लगाया गया है कि वेदाला ने खुद सक्षम प्राधिकार से अनुमति के बगैर ही 2019 में मैक्सिको की यात्रा की। उसमें कहा गया है, ‘‘इस संबंध में मंत्रालय से कार्योत्तर स्वीकृति ली जा सकती है या संबद्ध अधिकारी से धनराशि की वसूली की जा सकती है।’’

वेदाला ने सभी आरोपों को खारिज कर दिया और कहा कि अकादमी में कोई भ्रष्टाचार नहीं है। उन्होंने सभी मामलों में अकादमी के निर्णय का बचाव किया और कहा कि हर चीज नियमानुकूल की गयी।

उन्होंने कहा, ‘‘ सरकारी संगठन देर से उपयोगिता प्रमाणपत्र देते हैं। हम इन प्रमाणपत्रों को हासिल करने में लगे हैं। उसमें भ्रष्टाचार कहां है।….’’

भाषा राजकुमार नरेश

नरेश

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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