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सीएए विरोधियों का इंडिया गेट पर 2020 का संकल्प- ‘कागज नहीं दिखाएंगे’, संविधान बचाएंगे

प्रदर्शनकारियों ने कानून को संविधान के खिलाफ बताते हुए इसका विरोध जारी रखने और खुद को अत्याचारियों से मुक्त समाज को समर्पित करने की बात कही.

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नागरिकता संशोधन कानून का विरोध कर रहे लोग, प्रतीकात्मक तस्वीर, फाइल फोटो | सूरज सिंह बिष्ट/दिप्रिंट

नई दिल्ली: संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) का विरोध कर रहे काफी संख्या में प्रदर्शनकारियों ने नए साल के पहले दिन बुधवार को यहां इंडिया गेट पर ‘कागज नहीं दिखाएंगे’ और ‘हम देखेंगे’ जैसे नारे लगाए. उन्होंने ‘संविधान बचाने’ का सामूहिक संकल्प भी लिया.

विभिन्न विश्वविद्यालयों के छात्रों सहित प्रदर्शकारियों ने नववर्ष मनाते हुए ‘प्रस्तावना पढ़ी’ और फिर यह संकल्प लिया कि वे लोग ‘कोई कागज नहीं दिखाएंगे’. उन्होंने विवादास्पद राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) और राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) का जिक्र करते हुए यह कहा.

प्रदर्शनकारियों ने संकल्प लेते हुए कहा, ‘हम लोग, आज एक जनवरी 2020 को अपना यह संकल्प दोहराते हैं कि हम खुद को एक ऐसे समाज को समर्पित करेंगे, जो अत्याचारियों से मुक्त होगा और हम अपनी नागरिकता साबित करने के लिए कोई कागज नहीं दिखाने की शपथ लेते हैं तथा हम संविधान विरोधी और भारत विरोधी ताकतों के साथ पूर्ण असहयोग करेंगे.’

उन्होंने संकल्प लेते हुए पढ़ा, ‘हम भारत के लोग संप्रभु हैं क्योंकि हम संविधान के प्रति समर्पित हैं. इस संविधान के आधार पर हमारे द्वारा निर्वाचित किसी सरकार के पास हमारे संविधान की मूल भावना को नष्ट करने के एजेंडा के साथ द्वेषपूर्ण विभाजनकारी एजेंडा के तहत हमारी नागरिकता साबित करने के लिए कहने का कोई अधिकार नहीं है.’

किसी अप्रिय घटना को रोकने के लिए वहां भारी संख्या में पुलिसकर्मी तैनात किए गए थे.

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जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष एन साई बालाजी ने कहा, ‘लिंग, नस्ल, रंग, भाषा, जाति या धर्म के आधार पर अपने साथ रहने वाले लोगों से (के खिलाफ) हम किसी भी तरह से भेदभाव नहीं करने जा रहे हैं. हम राजनीतिक, सामाजिक और सांस्कृतिक रूप से एक दूसरे को समानता एवं न्याय दिलाना चाहते हैं.’

कई प्रदर्शनकारियों ने तिरंगा झंडा लहराया जबकि अन्य ने तख्तियां ले रखी थी जिन पर नये कानून के खिलाफ नारे लिखे हुए थे और वे ‘आजादी’ के नारे लगा रहे थे.

जामिया मिल्लिया इस्लामिया के छात्र सार्थक चौबे ने कहा, ‘हमारा नये साल का संकल्प संविधान की हिफाजत करना है. वे जो कुछ भी चाहते हैं उसे करना जारी नहीं रख सकते हैं, कुछ नियम कायदों का पालन होना चाहिए और देश के मूल ढांचे को ध्वस्त नहीं किया जा सकता.’

प्रदर्शनकारियों के साथ-साथ नया साल मनाने के लिए इंडिया गेट पर आम लोगों के उमड़ने से भारी भीड़ जमा हो गई. इस वजह से आसपास के इलाकों में वाहनों की रफ्तार भी धीमी हो गई.

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