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बुलंदशहर हिंसा का मुख्य आरोपी दे रहा बधाई, गोकशी के आरोपियों पर रासुका

बुलंदशहर के स्याना थाना के पास 3 दिसंबर को कथित गोहत्या की अफवाह के बाद हिंसा में एक पुलिस अधिकारी और एक आम नागरिक की हुई थी मौत.

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बुलंदशहर हिंसा का मुख्य आरोपी योगेश राज होर्डिंग के जरिये बधाई देता हुआ | प्रशांत

लखनऊः पिछले साल 3 दिसंबर में हुई बुलंदशहर हिंसा के मामले का खुलासा अभी पूरी तरह से नहीं हो पाया. वहीं इस घटना के मुख्य आरोपी योगेश राज की तस्वीरों वााले पोस्टर मेरठ व बुलंदशहर में लगे हुए हैं. इन पोस्टर्स में योगेश राज की तरफ से मकर संक्रांति और गणतंत्र दिवस की शुभकामनाएं दी गई हैं. होर्डिंग में योगेश की बड़ी तस्वीर के साथ सतीश लोधी, आशीष चौहान, सत्येंद्र राजपूत और विशाल त्यागी की भी तस्वीरें हैं. इसमें विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल की ओर से शुभकामनाएं दी गई हैं.

बजरंग दल का कहना है कि ये होर्डिंग स्थानीय नेताओं ने अपने दम पर बिना किसी की मदद से लगाए हैं. पोस्टर वायरल होने पर बजरंग दल के प्रांत सह संयोजक प्रवीण भाटी ने कहा कि योगेश राज बजरंग दल का जिला संयोजक है. इसलिए उसका पोस्टर हमारे कार्यकर्ताओं ने लगाया है. पोस्टर लगाने का उद्देश्य केवल मकर संक्रांति और गणतंत्र दिवस की शुभकामनाएं देना है. बता दें कि योगेश को बुलंदशहर हिंसा मामले में उसकी कथित भूमिका के लिए उसे 3 जनवरी को गिरफ्तार किया गया था. इस हिंसा में एक पुलिस अधिकारी और एक आम नागरिक की मौत हो गई थी.

क्या है पूरा मामला

बुलंदशहर जिले के स्याना थाना के पास 3 दिसंबर को कथित गो हत्या की अफवाह के बाद हिंसा हुई थी. इस हिंसा में पुलिस इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह और ग्रामीण युवक सुमित की गोली लगने से मौत हो गई थी. बजरंग दल के जिला संयोजक योगेश राज पर इस हिंसा को भड़काने का आरोप है.

कहां तक पहुंची जांच

इस हिंसा में कुल 35 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है. पुलिस ने योगेश राज को 3 जनवरी, 2019 को गिरफ्तार कर जेल भेजा है. इसी मामले में दो एफ़आईआर दर्ज की गई थीं, जिसमें से एक में 27 नामज़द लोगों के ख़िलाफ़ हिंसा भड़काने का मामला दर्ज किया गया था. वहीं, दूसरी एफ़आईआर में गोकशी को लेकर मामला दर्ज किया गया था.

तीन पर लगा रासुका

यूपी पुलिस ने हाल ही में बुलंदशहर हिंसा के मामले में अज़हर ख़ान, नदीम ख़ान और महबूब अली के ख़िलाफ़ राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) लगाया है. स्याना के महाव के बाहर खेतों में 3 दिसंबर को मवेशियों के कंकाल मिले थे. इसके बाद भीड़ ने चिंगरावठी पुलिस चौकी पर हमला कर दिया था. इस हिंसा में इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह और चिंगरावठी के एक व्यक्ति सुमित कुमार की गोली लगने से मौत हुई थी.

डीएम अनुज कुमार झा ने पुलिस रिपोर्ट के आधार पर कहा कि आरोपी अजहर निवासी कैथवाला, नदीम उर्फ नदीमुद्दीन व महबूब अली निवासी चौधरियान, थाना स्याना व अन्य साथी अवैध रूप से लाभ अर्जित करने के लिए गोकशी में संलिप्त पाए गए हैं. वहीं पुलिस की ओर से ये भी कहा गया है, ‘अगर उन्हें ज़मानत पर छोड़ा जाता है, तो वैसी ही गोकशी की घटनाएं फिर हो सकती हैं और वे सबूतों के साथ छेड़खानी भी कर सकते हैं.’

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