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बांग्लादेश सीमा पर मारे गए बीएसएफ जवान की पत्नी ने किया था करवा चौथ का व्रत, परिवार सदमे में

बीएसएफ अधिकारियों ने कहा, नहीं चलाई हमारे जवानों ने एक भी गोली, बीजीबी ने अकारण की कार्रवाई

बीएसएफ जवान विजय भान जिनकी कल बांग्लादेश बॉर्डर पर गोलीबारी में मौत हुई/ एएनआई

नयी दिल्ली/ कोलकाता: पश्चिम बंगाल में बांग्लादेश बॉर्डर पर मारे गए बीएसएफ जवान विजय भान सिंह के घर में मातम पसरा है. विजय भान की मौत की खबर जब उनके घर पहुंची उस समय उनकी पत्नी सुनीता देवी ने विजय की लंबी आयु के लिए करवा चौथ का व्रत किया था. सुनीता देवी ने बताया, ‘उनकी बुधवार को ही फोन पर उनसे बात हुई है. वह हर दिन मुझे फोन करते थे. मेरे बेटे को उसके पिता के मरने की खबर फोन पर मिली. वह रोने लगा. बाद में उसने मुझे बताया कि मेरे पति नहीं रहे हैं.’ विजयभान ने 1990 में बीएसएफ ज्वाइन की थी.

इस गोलीबारी में मारा गया जवान बीएसएफ का हेड कांस्टेबल विजय भान सिंह उत्तर प्रदेश के फिरोज़ाबाद का रहने वाला था. जिस समय विजय को बॉर्डर गार्ड बांग्लादेश की टुकड़ी ने बीएसएफ की पार्टी पर गोली चलाई उस समय वह भारतीय मछुआरों को पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद इलाके में खोजने का प्रयास कर रहे थे.

बीएसएफ ने बताया उकसावे की कार्रवाई

पश्चिम बंगाल की सीमा के पास बांग्लादेश सीमा सुरक्षा बल की तरफ से की गई गोली बारी को भारतीय सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) ने शुक्रवार को बिना उकसावे की कार्रवाई बताया है. बीएसएफ ने यह भी कहा कि हमारे सैनिकों ने ‘एक भी गोली’ नहीं चलाई है.

दोनों पक्षों के बीच बृहस्पतिवार को हुई ‘फ्लैग मीटिंग’ के बाद बॉर्डर गार्ड बांग्लादेश (बीजीबी) ने बीएसएफ की टुकड़ी पर गोली चला दी थी जिसमें एक जवान की मौत हो गई थी और एक अन्य घायल हो गया था.

एक वरिष्ठ अधिकारी ने बीजीबी के उस दावे को खारिज किया है कि उसकी गश्ती टीम को बीएसएफ जवानों की ओर से गोलीबारी किए जाने के चलते आत्मरक्षा में ‘गोली चलानी पड़ी.’

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अधिकारी ने कहा, ‘हमारे जवानों ने एक भी गोली नहीं चलाई. बीजीबी की यह कार्रवाई बिना उकसावे वाली थी. इसमें बीएसएफ के एक जवान की मौत हो गई और एक अन्य घायल हो गया.’

बीजीबी ने कहा था कि चूंकि बीएसएफ कर्मी बांग्लादेश की सीमा में घुस आए थे, उन्हें बताया गया कि प्रस्तावित बैठक के बाद उन्हें अधिकारियों को सौंप दिया जाएगा.

ढाका में बीजीबी की ओर से बृहस्पतिवार देर रात जारी एक बयान में बताया गया कि इस बात से बीएसएफ जवान घबरा गए.

बीजीबी ने आरोप लगाया, ‘बीएसएफ कर्मी आक्रामक हो गए और उन्होंने गोली चलाई और वापस अपनी सीमा (भारत) में जाने लगे.’

बीएसएफ अधिकारी ने इस पर जवाब देते हुए कहा कि छह सैनिकों का गश्ती दल मुर्शिदाबाद जिले की पद्मा नदी के पास अंतरराष्ट्रीय सीमा में 400 मीटर तक गया था क्योंकि वह “फ्लैग मीटिंग के लिए निर्दिष्ट स्थान” है.

उन्होंने कहा, ‘जब बीजीबी फ्लैग मीटिंग के लिए बीएसएफ से अनुरोध करती है, हम बांग्लादेश की सीमा में जाते हैं. जब हम बीजीपी को फ्लैग मीटिंग के लिए बुलाते हैं, वे निर्दिष्ट स्थान पर हमारी सीमा में प्रवेश करते हैं.’

बीजीबी के बयान में बताया गया कि उनकी गश्ती टीम ने तीन भारतीय मछुआरों को पकड़ लिया था जो बांग्लादेश जल क्षेत्र में घुस आए थे लेकिन उनमें से दो फरार हो गए.

इसके तुरंत बाद बीएसएफ के चार सशस्त्र कर्मी हिरासत में लिए मछुआरे को छुड़ाने के लिए स्पीडबोट से बांग्लादेश की सीमा के भीतर 600 गज तक घुस आए.

दिल्ली में बीएसएफ के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि सैनिकों ने ‘मछुआरे को बीजीबी की हिरासत से बलपूर्वक छुड़ाने की कोशिश नहीं की क्योंकि वे बीजीबी के अनुरोध पर फ्लैग मीटिंग के लिए बांग्लादेश की सीमा में गए थे.’

साथ ही उन्होंने कहा कि यह सच नहीं हो सकता कि बीजीबी ने केवल एक भारतीय मछुआरे को पकड़ा और बाकी दो भागने में कामयाब हो गए और बीएसएफ के पास पहुंच गए.

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