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मार्गरेट एटवुड और एवरिस्टो बनीं साझा बुकर विजेता, पहली बार किसी अश्वेत लेखिका को मिला पुरस्कार

निर्णायक मंडल का कहना था कि वे एटवुड के ‘द टेस्टामेंट’ और एवरिस्टो के ‘गर्ल, वुमैन, अदर’ में से किसी एक को नहीं चुन सकते.

मार्गरेट एटवुड और बर्नरडाइन एवरिस्टो की फोटो

नई दिल्ली : बुकर पुरस्कार के नियमों को तोड़ते हुए मार्गरेट एटवुड और बर्नरडाइन एवरिस्टो को संयुक्त विजेता घोषित किया. बुकर पुरस्कार के लिए छांटी गई छह पुस्तकों में ब्रितानी-भारतीय उपन्यासकार सलमान रुश्दी का उपन्यास ‘क्विचोटे” भी शामिल था.

एवरिस्टो ने कहा, ‘हम अश्वेत ब्रितानी महिलाएं जानती हैं कि यदि हम अपने बारे में नहीं लिखेंगी तो कोई और भी यह काम नहीं करेगा. ’60 वर्षीय एवरिस्टो ने कहा, ‘यह अविश्वसनीय है कि मुझे मार्गरेट एटवुड के साथ यह पुरस्कार मिला, जो महान और उदार हैं.’

बुकर पुरस्कार की शुरुआत 1969 में की गई थी. इससे पहले 1992 में दो लोगों को संयुक्त रूप से यह पुरस्कार दिया गया था. इसके बाद नियमों में बदलाव कर दिया गया था.

60 वर्षीय एवरिस्टो ने कहा, ‘यह अविश्वसनीय है कि मुझे मार्गरेट एटवुड के साथ यह पुरस्कार मिला, जो महान और उदार हैं.’

आपको बता दे कनाडा की 79 लेखिका एटवुड का पुरस्कार जीतने वाली सबसे बुजुर्ग लेखिका बन गई हैं. इससे पहले साल 2000 में भी उन्होंने बुकर पुरस्कार जीता था. तब उन्हें ‘दि ब्लाइंड असेसिन’ (The Blind Assasin) के लिए सम्मानित किया गया था. दो बार बुकर पुरस्कार जीतने वाली वह दूसरी और कुल मिलाकर चौथी लेखक हैं.

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