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दुकानों पर लगे पोस्टर, साथ में फोटो खिंचवाने वालों की भारी भीड़- चमत्कारी शास्त्री की दीवानगी की एक झलक

बागेश्वर धाम, जहां धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री का दरबार है, में कोई रेलवे स्टेशन नहीं है. लेकिन यह कमी अनुयायियों की भीड़ को यहां आने से नहीं रोक सका है. दिप्रिंट के प्रवीण जैन ने ऐसे ही कुछ पलों को तस्वीरों कैद किया हैं.

कैमरे के लिए पोज देते हुए बाबा धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री कहते हैं, "खींचो खींचो" | फोटोः प्रवीण जैन | दिप्रिंट

बागेश्वर: मध्य प्रदेश के नये ‘चमत्कारी’ बाबा धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री, गले में माला के साथ हनुमान का लॉकेट पहनें, लंबे लाल-और-काले वस्त्रों में, एक ऊंचे मंच पर बैठे हैं. और जीवन के बारे में भविष्यवाणियां करते हैं. उनके हजारों अनुयायी है जब उन्हें दरबार के अंदर जगह नहीं मिलती, तो वे शास्त्री की एक झलक पाने की उम्मीद में खिड़कियों से झांकने से लेकर दीवारों तक पर चढ़े जा रहे हैं.

हाल ही में, तर्कवादी श्याम मानव ने शास्त्री को मंच पर अपना चमत्कार दिखाने की चुनौती दी थी. उन्होंने अपनी इच्छा से भीड़ में से कोई भी दस आदमी चुनने को कहा ताकि शास्त्री उनके पिता का सही नाम बता सकें और उनके घर का पता बता सकें. जैसा कि उन्होंने दावा किया है कि वह बाला जी की मदद से ऐसा कर सकते हैं. लेकिन शास्त्री ने अपना चमत्कार दिखाए बिना ही नागपुर छोड़ दिया.

हालांकि, उनके अनुयायियों ने शास्त्री के आसपास के विवादों की परवाह नहीं की और उनके लिए वह भगवान हनुमान के अवतार हैं.

भोपाल से खजुराहो जाने वाली ट्रेन बागेश्वर धाम में रुकती है जहां कोई स्टेशन नहीं है. लेकिन उनके अनुयायी ट्रेन की जंजीर खींचते हैं और भगदड़ जैसी भीड़ में हजारों की संख्या में बाहर निकलते हैं. ताकि वे बालाजी मंदिर तक पहुंच सकें और मध्य प्रदेश के नये ‘चमत्कारी’ बाबा आचार्य धीरेंद्र शास्त्री के साथ बैठक बुक कर सकें.

बाबा धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने अपने भक्तों का अभिवादन किया | फोटोः प्रवीण जैन | दिप्रिंट
बाबा धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री अपने अनुयाइयों से घिरे बैठे हैं | फोटोः प्रवीण जैन | दिप्रिंट
मंदिर के पास मिठाई की एक दुकान में बाबा बागेश्वर का पोस्टर | फोटोः प्रवीण जैन | दिप्रिंट
दरबार के बाहर से भक्त बाबा की तस्वीर लेने की कोशिश करते हुए | फोटोः प्रवीण जैन | दिप्रिंट
बाबा के दर्शन के लिए उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़ | फोटोः प्रवीण जैन | दिप्रिंट
अनुयायी एक प्रथागत अनुष्ठान में मंदिर तक जाते हुए | फोटोः प्रवीण जैन | दिप्रिंट
कुछ अनुयायी रेंगते हुए मंदिर तक जाते हुए | फोटोः प्रवीण जैन | दिप्रिंट
अनुयायी बाबा के उस घर के बाहर प्रार्थना करते हुए जहां उनका जन्म हुआ था और उनके माता-पिता अभी भी रहते हैं. वे बाबा के माता-पिता की एक झलक पाने आते हैं | फोटोः प्रवीण जैन | दिप्रिंट
भक्त बाबा के घर की फोटो क्लिक कर अपने घरों में फ्रेम करवाते हैं और टांगते हैं | फोटोः प्रवीण जैन | दिप्रिंट
भगवान हनुमान की मूर्ति को मंदिर ले जाता एक भक्त | फोटोः प्रवीण जैन | दिप्रिंट
एक परिवार बागेश्वर धाम तक पैदल जाते हुए | फोटोः प्रवीण जैन | दिप्रिंट
पूजा करने आए लोगों को भोजन कराया जाता है | फोटोः प्रवीण जैन | दिप्रिंट
भक्तों और बेघरों को समान रूप से भोजन कराया जाता है | फोटोः प्रवीण जैन | दिप्रिंट
बागेश्वर धाम जाते हुए तिलक लगाए श्रद्धालु | फोटोः प्रवीण जैन | दिप्रिंट
बागेश्वर धाम में रेलवे स्टेशन नहीं है. मंदिर में दर्शन के लिए उतरने वाले भक्त ट्रेन की आपातकालीन चेन खींचते हैं | फोटोः प्रवीण जैन | दिप्रिंट
ट्रेन से उतरने के बाद बागेश्वर धाम के लिए ऑटो या इलेक्ट्रिक वाहन लेने के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ लग जाती है फोटोः प्रवीण जैन | दिप्रिंट

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