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भीमा कोरेगांव मामले में न्यायालय ने एनआईए की याचिका पर गौतम नवलखा से जवाब मांगा

न्यायमूर्ति अरूण मिश्रा, न्यायमूर्ति एस अब्दुल नजीर और न्यायमूर्ति इन्दिरा बनर्जी की पीठ ने वीडियो कांफ्रेन्सिंग के माध्यम से सुनवाई करते हुये गौतम नवलखा को नोटिस जारी किया और इस मामले को दो सप्ताह बाद के लिये सूचीबद्ध कर दिया.

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मानवाधिकार कार्यकर्ता गौतम नवलखा को उनके घर से गिरफ्तारी के बाद ले जाती पुणे पुलिस, फाइल फोटो

नई दिल्ली : उच्चतम न्यायालय ने भीमा कोरेगांव मामले में दिल्ली और मुंबई की विशेष अदालतों की न्यायिक कार्यवाही का रिकार्ड मंगाने के उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ राष्ट्रीय जांच एजेन्सी की याचिका पर मंगलवार को गौतम नवलखा से जवाब मांगा.

न्यायमूर्ति अरूण मिश्रा, न्यायमूर्ति एस अब्दुल नजीर और न्यायमूर्ति इन्दिरा बनर्जी की पीठ ने वीडियो कांफ्रेन्सिंग के माध्यम से सुनवाई करते हुये गौतम नवलखा को नोटिस जारी किया और इस मामले को दो सप्ताह बाद के लिये सूचीबद्ध कर दिया.

पीठ ने सालिसीटर जनरल तुषार मेहता के इस कथन का संज्ञान लिया कि दिल्ली उच्च न्यायालय ने अपने अधिकार क्षेत्र के बगैर ही निचली अदालत के रिकार्ड पेश करने के लिये 27 मई का आदेश दिया है.

उच्च न्यायालय ने अपने आदेश में कहा था कि नवलखा की अंतरिम जमानत की याचिका लंबित होने के दौरान ही उन्हें मुंबई ले जाने के लिये राष्ट्रीय जांच एजेन्सी ने ‘अनावश्यक जल्दबाजी’ में कार्रवाई की.

कब हुई थी गिरफ़्तारी

पुणे पुलिस ने कोरेगांव भीमा गांव में 31 दिसंबर 2017 की हिंसक घटनाओं के बाद एक जनवरी, 2018 को नवलखा, तेलतुंबडे और कई अन्य कार्यकर्ताओं के खिलाफ माओवादियों से कथित रूप से संपर्क रखने के कारण मामले दर्ज किये थे.

(समाचार एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ)

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