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मीटू: महिला संपादक ने कहा, अकबर पूरे भद्र पुरुष

'द संडे गार्जियन' की संपादक जयिता बसु ने मजबूती के साथ यौन उत्पीड़न के आरोपों से जूझ रहे पूर्व केंद्रीय मंत्री एमजे अकबर का बचाव किया.

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एमजे अकबर (फाइल फोटो: Getty Images)

नई दिल्ली: ‘द संडे गार्जियन’ की संपादक जयिता बसु ने सोमवार को मजबूती के साथ यौन उत्पीड़न के आरोपों से जूझ रहे पूर्व केंद्रीय मंत्री एमजे अकबर का बचाव किया और उन्हें पूरी तरह भद्र पुरुष बताया. उन्होंने कहा कि अकबर निष्कलंक ख्याति वाले व्यक्ति हैं. अकबर पर प्रिया रमानी व मल्लिका गोगोई सहित 21 महिला पत्रकारों ने यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया है.

दिल्ली उच्च न्यायालय में अकबर द्वारा महिला पत्रकार प्रिया रमानी के खिलाफ मानहानि के मुकदमे में वादी के गवाह के तौर पर पेश होते हुए जयिता ने कहा कि प्रिया रमानी द्वारा किए गए अपमानजनक ट्वीट से अकबर की प्रतिष्ठा को अपूरणीय क्षति हुई है.

बसु ने एडिशनल चीफ मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट समर विशाल से कहा, ‘प्रिया रमानी के इन ट्वीट्स को पढ़ने के बाद मुझे महसूस हुआ कि वे (ट्वीट्स) जानबूझकर समाज के सामने अकबर की प्रतिष्ठा और ख्याति को नुकसान पहुंचाने के मकसद से किए गए थे.’

करीब 15 साल तक अकबर के साथ काम कर चुकीं जयिता बसु ने कहा कि उनके साथ अकबर का व्यवहार स्वच्छ रहा है.

उन्होंने कहा, ‘वह पूरी तरह पेशेवर और पूरे दफ्तर में सबक देने वाला सख्त मास्टर हैं. मैंने जिस संगठन में साथ-साथ काम किया उसके कर्मचारियों से कोई अप्रिय बात नहीं सुनी.’

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जयति ने अदालत को बताया कि उन्होंने हमेशा अकबर को उच्च सम्मान की निगाहों से देखा.

उन्होंने कहा, ‘अकबर हमेशा पेशेवर और प्रतिभाशाली शिक्षक रहे हैं, जिन्होंने मुझे पत्रकारिता के हर पहलू से अवगत कराया.’

मामले में अगली सुनवाई सात दिसंबर को होगी.

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