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प्रतिबंधित संगठन SFJ ने जर्मनी में अपने ‘प्रचारक’ की गिरफ्तारी से किया इनकार, लुधियाना विस्फोट से बनाई दूरी

मंगलवार को इस तरह की ख़बरें आयीं थीं कि सिख फॉर जस्टिस के ‘प्रचारक’ जसविंदर सिंह मुल्तानी को भारत से मिली ख़ुफ़िया जानकारी के बाद लुधियाना कोर्ट बम विस्फोट में उसकी कथित संलिप्तता के लिए जर्मनी में गिरफ्तार कर लिया गया है.

लुधियाना में जिला अदालत परिसर में हुए विस्फोट की प्रतीकात्मक तस्वीर | फोटो- ANI

चंडीगढ़: अमेरिका स्थित खालिस्तान समर्थक समूह सिख फॉर जस्टिस (एसएफजे), जो भारत में अपनी अलगाववादी गतिविधियों के लिए प्रतिबंधित है, ने दावा किया है कि कई सारी खबरों के विपरीत उसके प्रचारक जसविंदर सिंह मुल्तानी को लुधियाना कोर्ट बम विस्फोट में उसकी कथित संलिप्तता के लिए जर्मनी में गिरफ्तार नहीं किया गया है.

इस बीच पंजाब पुलिस के सूत्रों ने भी इस बात की पुष्टि की कि मुल्तानी को हिरासत में लिया गया और पूछताछ की गई लेकिन उसे गिरफ्तार नहीं किया गया.

एसएफजे के जनरल काउंसल गुरपतवंत सिंह पन्नून द्वारा जारी किये गए एक बयान और वीडियो के अनुसार, मुल्तानी इस वक्त जर्मनी में हैं और उसकी गिरफ्तारी की सभी खबरे ‘फर्जी’ हैं.

पन्नून द्वारा जारी किए गए वीडियो में मुल्तानी वीडियो कॉल पर बात करते नजर आ रहे हैं. पन्नून के करीबी माने जाने वाले मुल्तानी का कहना है कि वह अपने घर पर हैं और वे जर्मन अधिकारियों से ‘बात करते रहते हैं’.

ज्ञात हो कि 23 दिसंबर को लुधियाना जिला न्यायालय परिसर में हुए बम विस्फोट में एक व्यक्ति की मौत हो गई थी और छह अन्य घायल हो गए थे. पंजाब पुलिस के सूत्रों ने बताया कि मुल्तानी को हिरासत में लिया गया था और इस मामले के संबंध में जर्मन अधिकारियों द्वारा उससे पूछताछ भी की गई थी, मगर उसे गिरफ्तार नहीं किया गया था और उसके भारत वापस भेजे जाने की तत्काल कोई संभावना नहीं है.

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मामले को सुलझाने की कोशिश कर रहे जांचकर्ताओं के अनुसार, मुल्तानी एक कट्टरपंथी सिख है और फ़िलहाल एसएफजे के लिए काम कर रहा है.

पंजाब पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, ‘मुल्तानी को इस सारे मामले में दूसरी सबसे महत्वपूर्ण विदेशी कड़ी माना जाता है. पहली कड़ी गैंगस्टर हरविंदर रिंडा है, जिसके बारे में माना जाता है कि वह पाकिस्तान के लाहौर में रहता है और उसे आईएसआई का समर्थन प्राप्त है.’

सूत्रों ने यह भी कहा कि मुल्तानी को न सिर्फ लुधियाना विस्फोट के मामले में, बल्कि दिल्ली और मुंबई में और भी विस्फोट करने की योजना में शामिल होने की संभावना के बारे में भारतीय अधिकारियों से मिली जानकारी के बाद ही जर्मन अधिकारियों ने हिरासत में लिया था.

मुल्तानी ने एसएफजे द्वारा जारी वीडियो में बोलते हुए अपनी संलिप्तता से साफ़ इनकार किया और कहा कि उसकी लड़ाई ‘कलम’ की ताकत वाली है, न कि ‘हथियार’ से. उसने कहा कि भारतीय अधिकारी उसे और एसएफजे को बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं.

पिछले हफ्ते, पंजाब के डीजीपी सिद्धार्थ चट्टोपाध्याय ने कहा था कि लुधियाना कोर्ट परिसर विस्फोट में मारे गए पूर्व पुलिसकर्मी के खालिस्तानी तत्वों और आतंकी संगठनों से संबंध थे, और साथ ही यह भी कहा था कि इस घटना के पीछे पाकिस्तान स्थित ‘कुछ संस्थाएं’ भी शामिल हो सकती हैं.


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‘एसएफजे बैलेट में विश्वास करता है बम में नहीं’, पंजाब पुलिस अपने पूर्व पुलिस अधिकारी की जांच कर रही है

विदित हो कि एसएफजे कनाडा, अमेरिका और अन्य देशों में मतदाताओं को पंजीकृत करके खालिस्तान के गठन हेतु एक जनमत संग्रह के अभियान का नेतृत्व कर रहा है. ब्रिटेन में इस जनमत संग्रह के लिए पहले ही मतदान हो चुका है.

जारी किये गए वीडियो में मुल्तानी ने कहा, ‘इटली में भी ‘मतदान हो चुका है, और इसके बाद जर्मनी में होना है. यह मुझे और एसएफजे को बदनाम करने के लिए उठाया गया एक कदम है.’

अपने बयान में, पन्नून ने मुल्तानी को ‘खालिस्तान जनमत संग्रह के प्रचारक’ के रूप में सम्बोधित किया.

खालिस्तान जनमत संग्रह अभियान के लिए यूरोपीय संघ में डेरा डालने का दावा करने वाले पन्नून ने कहा, ‘एसएफजे बम नहीं बल्कि बैलेट (मतपत्र) में विश्वास करता है.’

मुल्तानी पंजाब के होशियारपुर जिले के मुकेरियां के एक गांव का रहने वाला है.

उसके पिता अजीत सिंह ने मंगलवार को मीडियाकर्मियों के साथ बात करते हुए बताया कि मुल्तानी, और उसके साथ ही उनका दूसरा बेटा और उनकी बेटी, सभी जर्मनी में रह रहे हैं. उनका उन सब से कोई संपर्क नहीं है, और वे पिछले कई सालों से पंजाब भी नहीं आए हैं.

इस बीच, पंजाब पुलिस लुधियाना विस्फोट में मारे गए पूर्व पुलिसकर्मी गगनदीप सिंह के साथियों के बारे में जानकारी जुटाने की भरपूर कोशिश कर रही है. माना जाता है कि गगनदीप उस बम को साथ ले जा रहा था जिसके फटने से लुधियाना कोर्ट के बाथरूम में विस्फोट हुआ था.

पूर्व में खन्ना ग्रामीण पुलिस स्टेशन में मुंशी के पद पर कार्यरत गगनदीप के पास से कथित तौर पर ड्रग्स बरामद होने के बाद अगस्त 2019 में उसके खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज किया गया था. बाद में उसे पुलिस की सेवा से भी बर्खास्त कर दिया गया था. इसके बाद उसने दो साल जेल के अंदर बिताए और इसी साल सितंबर में रिहा हुआ था.

यह पता चला है कि पुलिस ने उसके परिवार वालों से पूछताछ की है. इनमें उसकी एक महिला मित्र, जो पंजाब पुलिस की कर्मचारी है, भी शामिल है. पुलिस ने उन कैदियों से भी पूछताछ शुरू कर दी है, जिनके साथ गगनदीप ने लुधियाना सेंट्रल जेल में अपना समय बिताया था. इन कैदियों में तीन गैंगस्टर भी शामिल हैं, जिनके पास से कथित तौर पर आरडीएक्स विस्फोटक, ड्रग्स और हथियार जैसी चीजें बरामद की गयीं थीं.

इसके अलावा पंजाब पुलिस में गगनदीप के कुछ पूर्व सहकर्मियों से भी पूछताछ की है, जिनमें खन्ना के दो पूर्व थाना प्रभारी (स्टेशन हाउस ऑफ़िसर) भी शामिल हैं.


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